Edited By Monika Jamwal,Updated: 08 Jan, 2021 02:52 PM
देश की सबसे प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में चार बार असफलता का सामना करने वाले कठुआ के विवेक पाठक ने पांचवी बार आखिर सफलता का झंडा गाढ़ ही दिया।
कठुआ(गुरप्रीत) : देश की सबसे प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में चार बार असफलता का सामना करने वाले कठुआ के विवेक पाठक ने पांचवी बार आखिर सफलता का झंडा गाढ़ ही दिया। आयोग द्वारा जारी रिजर्व लिस्ट में कठुआ के होनहार ने 48वें स्थान पर अपना कब्जा जमाया है। शिक्षक परिवार में जन्मे विवेक पाठक का बड़े स्तर के अधिकारी बनकर लोक सेवा करने का सपना भी आखिर साकार हो गया। विवेक पाठक के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। लेक्चरर पिता विजय पाठक और शिक्षिका मां प्रवेश पाठक की खुशी की ठिकाना ही नहीं है। छोटी बहन विदुशी भी अधिकारी बनने जा रहे भाई को लेकर खुश है।
केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से लेकर अन्य कई पूर्व मंत्री सहित अधिकारी विवेक पाठक को बधाई दे चुके हैं। विवेक पाठक ने बताया कि चार बार की असफलता भी उसके हौंसले को डिगा नहीं पाई। शिक्षक परिवार से जुड़े होने के नाते माता और पिता का मार्गदर्शन शुरू से ही रहा। आठवीं कक्षा में भी टाप करने के बाद सफलता की सीढ़ी लगातार चलती ही रही। संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करने की ठान लेने के मकसद से कोचिंग भी ली। चार बार तो परीक्षा पास करने की कोशिशें नाकाम रही लेकिन पांचवी कोशिश ने सफलता की सीढ़ी चढ़ा ही दी। मौजूदा समय में विवेक जे.एन.यू. में रशियन एंड सेंट्रल एशियन विषय पर पी.एच.डी. कर रहा है। विवेक के माता पिता भी अपने बेटे की सफलता से ख्खुश हैं। पिता का मानना है कि उन्होंने भी शिक्षक होने के नाते विद्यार्थियों को शिक्षा का पाठ पढ़ाया। शायद उसी का फल भगवान ने उनके बेटे को इस प्रतिष्ठित परीक्षा को पास करवाकर दिया है।