Edited By Yaspal,Updated: 24 Aug, 2018 06:49 PM
शीर्ष अदालत ने केरल में आई भयंकर बाढ़ के मद्देनजर मुल्लापेरियार बांद के जलाशय में जलस्तर को 30 अगस्त तक 139 फीट पर बनाए रखने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने...
नेशनल डेस्कः शीर्ष अदालत ने केरल में आई भयंकर बाढ़ के मद्देनजर मुल्लापेरियार बांद के जलाशय में जलस्तर को 30 अगस्त तक 139 फीट पर बनाए रखने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने केंद्र की उस दलील को स्वीकार किया कि मुल्लापेरियार बांध पर गठित उप-समिति की 23 अगस्त को बैठक हुई थी और उसने तमिलनाडु सरकार से जलाशय में जलस्तर 139 फीट पर बनाए रखने को कहा है।
यह जलस्तर अदालत द्वारा निर्धारित सीमा से 2 फीट नीचे है। पीठ ने यह स्पष्ट किया है कि आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में स्वयं को सीमित रखेगी और कहा कि केरल में आई भयंकर बाढ़ के मद्देनजर जलाशय में जलस्तर को कम करने का फैसला लिया गया है। पीठ के निर्णय से पहले तमिलनाडु सरकार ने आरोप लगाया कि जलस्तर की सीमा तय करने में अदालत के फैसले को प्रभावित करने के षणयंत्र का यह हिस्सा हो सकता है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 6 सितंबर की तारीख तय की है। उसने केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और कर्नाटक से इस दौरान जवाब दायर करने को कहा है।
बता दें कि केरल सरकार ने गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वह तमिलनाडु सरकार द्वारा मुल्लापेरियार बांध से अचानक पानी छोड़ा जाना भी राज्य में बाढ़ के कारणों में शामिल है। केरल ने कहा कि राज्य की 3.48 करोड़ जनसंख्या का छठवां हिस्सा, करीब 54 लाख लोग इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।