मानसून के दौरान अपने घरों को बिजली के कारण होने वाले खतरों से रखें सुरक्षित

Edited By vasudha,Updated: 16 Sep, 2020 05:44 PM

keep your homes safe from lightning hazards during monsoon

इस साल की शुरुआत में एक दिग्गज दैनिक अखबार की हैडलाइन थी कि भारत में इलेक्ट्रोक्यूशन यानी बिजली का करंट लगने से रोज़ाना औसतन 30 लोगों की मौत होती है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, हर साल देश में करीब 3000 लोग बिजली...

इस साल की शुरुआत में एक दिग्गज दैनिक अखबार की हैडलाइन थी कि भारत में इलेक्ट्रोक्यूशन यानी बिजली का करंट लगने से रोज़ाना औसतन 30 लोगों की मौत होती है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, हर साल देश में करीब 3000 लोग बिजली संबंधित दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं। जुलाई-सितंबर के मानसून का मौसम चिलचिलाती गर्मी से राहत तो देता है लेकिन इसके आने के साथ ही बिजली संबंधित दुर्घटनाओं का जोखिम भी काफी बढ़ जाता है जो कुछ अध्ययनों के अनुसार 30% तक बढ़ जाता है। इसलिए घर के इलेक्ट्रिकल स्वास्थ्य पर ध्यान देना ज़रूरी हो जाता है विशेष तौर पर इस मौसम में और यह काफी हद निर्भर करता है घर में लगे तारों, स्विच व अन्य बिजली उपकरणों की गुणवत्ता पर कुछ साधारण व सामान्य तरीके आपके घर की इलेक्ट्रिकल सेफ्टी को लेकर आश्वस्त कर आपकी व आपके करीबियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।

 

ए. सही रेटिंग, सही गुणवत्ता और सही स्वास्थ्य वाले तारों का इस्तेमाल करने की अक्षमता- किसी भी घर में बिजली के कारण होने वाली दुर्घटना की सबसे बड़ी वजह होती हैं। अगर आप नया मकान बनवा रहे हैं या 10 साल के बाद मकान की मरम्मत करवा रहे हैं तो सही गुणवत्ता के तार (किसी तार की कंडक्टेंस क्षमता उसमें इस्तेमाल किए गए तांबे पर निर्भर होती है) और इलेक्ट्रिकल लोड की गुणवत्ता के अनुसार ही उपयुक्त रेटिंग वाले तार का उपयोग करना चाहिए। चूंकि, आज के समय में लगभग पूरी वायरिंग छिपी हुई होती है तो आपको यह पता नहीं चलता कि तार को कितना नुकसान हो रहा है, कई बार वह बहुत गर्म और ठंडा हो जाता है जिससे उसकी बाहरी परत कमज़ोर हो जाती है और हल्के से खिंचाव पर टूट भी सकती है। इससे सतह के गीला होने पर उसमें करंट लीक होने की आशंका बढ़ जाती है। इससे बिजली के झटके लग सकते हैं जो मानसून में जानलेवा भी साबित हो सकते हैं। इसलिए सही तार चुनना और सही समय पर मकान के बिजली के तारों को बदलवाना बहुत आवश्यक होता है क्योंकि इस बारे में लापरवाही बरतने पर बड़ी दुर्घटना हो सकती है। बी. किसी भी मकान में सबसे अधिक नज़रअंदाज़ किया जाने वाला डिवाइस है आरसीसीबी या ईएलसीबी जबकि यही वह महत्वपूर्ण डिवाइस होता है जो करंट लीकेज को भांपकर महज़ एक सेकंड से भी कम समय में सर्किट को तोड़कर बिजली के झटकों से बचाता है। झटकों को रोकने और कई मूल्यवान जीवन बचाने वाला डिवाइस होने के बावजूद करीब 90% मकानों में यह नहीं लगा होता है। कई राज्य सरकारों/डिस्कॉम ने अपनी ओर से आरसीसीबी/ईएलसीबी लगाना अनिवार्य करने की दिशा में कदम उठाए हैं। हालांकि, लोग आरसीसीबी को नियम का पालन करने के लिए नहीं बल्कि अपवाद के तौर पर लगाते हैं। किसी अन्य मौसम की तरह मानसून भी यह जांचने का सही समय है कि हमारे घरों में यह जीवनरक्षक डिवाइस लगा हुआ है या नहीं।

 

आपको यह भी जांचना चाहिए कि अच्छी इलेक्ट्रिकल अर्थिंग पिट है भी या नहीं क्योंकि यह मकान के इलेक्ट्रिकल नेटवर्क के अच्छे से काम करने के लिए आवश्यक है। कई अच्छी कंपनियों ने पीआरसीडी कहलाने वाले ये डिवाइस गीज़र्स, वॉशिंग मशीन में ही लगाने शुरू कर दिए हैं क्योंकि ये दो ऐसे उपकरण हैं जो पानी और बिजली के करंट दोनों का इस्तेमाल करते हैं और इनसे बिजली के झटके लग सकते हैं। सी. स्विचगियर्स बहुत महत्वपूर्ण इलेक्ट्रिकल सेफ्टी डिवाइसेज़ हैं जो हमें करंट लीकेज, वोल्टेज में तेज़ी, शॉर्ट सर्किट और ओवरलोड जैसी समस्या से सुरक्षित रख सकते हैं। डिस्ट्रिब्यूशन बॉक्स में इस्तेमाल होने वाला मिनियेचर सर्किट ब्रेकर (एमसीबी) सबसे बुनियादी सुरक्षा है जिसका इस्तेमाल कर बिजली के ओवरलोड और शॉर्ट सर्किट की समस्याओं से बचा जा सकता है। आधुनिक मकानों में विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होते हैं और स्विचगियर्स के सही संयोजन का इस्तेमाल करना बहुत आवश्यक हो जाता है जो सर्किट्स को आइसोलेट कर सके और बिजली के उपकरण (और मूल्यवान मानवीय जीवन) को बचा सकें। ये सर्किट ब्रेकर्स अलग-अलग लोड के अनुसार, अलग रेटिंग्स में आते हैं और इसलिए सही लोड की खातिर सही गुणवत्ता और सही कंपनी के स्विचगियर्स का इस्तेमाल करना आवश्यक होता है। डी. सर्ज प्रोटेक्शन डिवाइसेज़ (एसपीडी) ट्रांजिएंट वोल्टेज रोकते हैं और अधिक वोल्टेज को अंडरग्राउंड कर देते हैं जिससे महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स व उपकरण सुरक्षित रहें। उदाहरण के लिए जिन जगहों पर भारी बारिश होती है जैसे केरल के तटीय इलाकों में हमेशा तूफान आते हैं और बिजली कड़कती रहती है। इससे वोल्टेज अक्सर बढ़ जाती है और ऐसे में सर्किटरी में इस वोल्टेज बढ़ोतरी से सुरक्षा नहीं की गई तो घर में रखे महंगे बिजली के उपकरणों को नुकसान पहुंच सकता है।

 

यह बहुत आवश्यक हो जाता है कि हम हमारे मकानों व परिवार की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। विशेष तौर पर भारी बारिश के कारण जब हमारा दैनिक जीवन इतना प्रभावित हो रहा हो तो अपने मकानों में एडवांस्ड इलेक्ट्रिकल उपकरणों की वायरिंग करवाना बहुत आवश्यक हो गया है। आज, ​सर्किट प्रोटेक्शन कैटेगरी में टेक्नोलॉजी के स्तर पर काफी एडवांस्मेंट आ गया है और इससे घरों में रहने वालों की सुरक्षा की संभावना भी कई गुना बढ़ गई है। देशभर के कई हिस्सों में बिजली के कारण हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए जागरुक और ज़िम्मेदार रवैया अपनाना बहुत आवश्यक हो गया है। पहले ही सुरक्षात्मक कदम उठाना हमेशा सही रहता है और सही रेटिंग के तारों व इलेक्ट्रिकल प्रोटेक्शन डिवाइसेज़ के इस्तेमाल से आपकी ज़िंदगी और प्रॉपर्टी भी सुरक्षित रहती है। (सौरभ गोयल,प्रेसिडेंट हैवेल्‍स इंडिया)

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