Edited By Seema Sharma,Updated: 12 Aug, 2022 02:11 PM
कॉमनवेल्थ गेम्स में देश के लिए पदक जीतने वाली पहलवान दिव्या काकरान और केजरीवाल सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप काफी बढ़ गया है।
नेशनल डेस्क: कॉमनवेल्थ गेम्स में देश के लिए पदक जीतने वाली पहलवान दिव्या काकरान और केजरीवाल सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप काफी बढ़ गया है। एक तरफ जहां दिव्या ने केजरीवाल सरकार पर मदद नहीं करने का आरोप लगाया तो वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने अपनी दलीलें पेश की हैं। केजरीवाल सरकार का कहना है कि दिव्या काकरान 2017 से यूपी के लिए खेल रही हैं। 'आप' नेताओं ने अब एक पुराना वीडियो शेयर कर दिव्या पर निशाना साधा है। वीडियो में वह योगी और मोदी के लिए वोट की अपील करती दिख रही हैं। 'आप' नेताओं ने कहा कि इन्हें वोट मोदी-योगी के लिए चाहिए और नोट केजरीवाल से।
आप नेता जिस पुराने वीडियो को शेयर कर रहे हैं उसमें दिव्या उत्तर प्रदेश चुनाव में भाजपा के लिए वोट की अपील करती दिख रही हैं। इसमें वह कहती हैं, ''सभी भाजपा को वोट दें क्योंकि आप सबको पता है कि हमारे मोदी जी ने योगी जी ने कितना सहयोग किया है सबके लिए, पहले कोई बाहर नहीं निकल सकता था, खेलकूद, सभी चीजों में दिक्कत थी। धीरे-धीरे सब चीजों में सुधार हो रहा है। स्कूल, अस्पताल खेल सभी में सुधार आया है।'' दरअसल दिव्या यूपी के सहरानपुर में एक भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में पहुंची थी। आप नेता शालिनी सिंह ने वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया, ''वोट खुलेआम योगी और मोदी जी के लिए मांगेंगी और नोट केजरीवाल जी से चाहिए। ये ठीक बात नहीं है। मेरा मानना है कि खिलाड़ियों को राजनीति से दूर ही रहनी चाहिए।''
आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने भी इस ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा, ''भाजपा का असली दर्द अब समझ आया।'' वहीं दिव्या ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''मैं 2001 में दिल्ली आई थीं और 2006 में पहलवानी शुरू की थी। पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी में किराए के घर में रही। 2017 तक दिल्ली के लिए 58 पदक जीत चुकी हूं। दिव्या ने कहा कि साल 2017 में वह खुद दिल्ली सरकार के पास मिलने गई थीं। मैंने मदद मांगी तो सरकार की ओर से कहा गया कि लिख कर दीजिए। मैंने यह भी किया लेकिन फिर भी उनकी ओर से कोई फोन या ईमेल नहीं आया। इसके बाद 2017 के आखिर से मैं यूपी की ओर से खेलने लगी। राष्ट्रमंडल खेल-2022 में कांस्य पदक जीतने वाली पहलवान काकरान ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजधानी की निवासी होने और कई अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाएं जीतने के बावजूद उन्हें दिल्ली सरकार की तरफ से कभी कोई मदद नहीं मिली।