Edited By shukdev,Updated: 29 Aug, 2019 08:38 PM
दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन ने राजधानी में बिजली सब्सिडी में पारदर्शिता की मांग करते हुए गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं की तरह विद्युत सब्सिडी में सीधे उपभोक्ताओं के खाते में जमा कराई जानी चाहिए। माकन ने कहा कि बिजली...
नई दिल्ली: दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन ने राजधानी में बिजली सब्सिडी में पारदर्शिता की मांग करते हुए गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं की तरह विद्युत सब्सिडी में सीधे उपभोक्ताओं के खाते में जमा कराई जानी चाहिए। माकन ने कहा कि बिजली कंपनियों पर बड़े-बड़े आरोप लगाकर सत्ता में आए अरविंद केजरीवाल की बाद में इन कंपनियों के साथ साठगांठ हो गई।
अनिल अंबानी की कंपनियों ने अतिरिक्त शुल्क के नाम पर 9999.25 करोड़ रुपए की भारी भरकम रकम उपभोक्ताओं से ऐंठ ली। यह रकम उपभोक्ताओं को वापस मिलनी चाहिए। इस राशि से दिल्ली के बिजली उपभोक्ताओं को छह माह तक मुफ्त बिजली मुहैया कराई जानी चाहिए। पूर्व ऊर्जा मंत्री ने केजरीवाल सरकार के 200 यूनिट मासिक खपत वाले बिजली उपभोक्ताओं को मुफ्त विद्युत उपलब्ध कराने के फैसले पर कहा कि यह निर्णय एक तरफ से उपभोक्ता से पैसा ऐंठ कर चुनावी लाभ के लिए देना है।
उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं पर मिलने वाली सब्सिडी उपभोक्ताओं के खाते में सीधे हस्तांतरित की जाने लगी है तो दिल्ली में बिजली सब्सिडी ग्राहकों के खाते में क्यों नहीं जमा कराई जाती। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ऐसा इसलिए नहीं कर रही है कि उसकी बिजली कंपिनयों से साठगांठ है और वह सब्सिडी के नाम पर कथित तौर पर अनुचित लाभ उठा रही है।