केजरीवाल का आरोप- मोदी सरकार ने नोट बैन के नाम पर किया बड़ा घोटाला

Edited By ,Updated: 12 Nov, 2016 06:08 PM

kejriwal hit out on modi government

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पांच सौ और एक हजार रुपए के नोटों को बंद किये जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पांच सौ और एक हजार रुपए के नोटों को बंद किये जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि नोट बदलने में बड़ा घोटाला किया गया है और इसकी जानकारी भारतीय जनता पार्टी को पहले ही दे दी गई थी जिससे कि वह अपने धन को बदल सके। केजरीवाल ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जुलाई और सितंबर की तिमाही में बैंकों में सामान्य की तुलना में अधिक पैसे जमा किए गए जिससे साफ पता चलता है कि सरकार ने अपने लोगों को इसकी जानकारी पहले दे दी थी। 

नोटबंदी के नाम पर घोटाला
कालेधन वालों को भाजपा ने पहले ही सतर्क कर दिया था और अब नोट बदलने के नाम पर लोगों को परेशान किया जा रहा है। नोट बंद करने के फैसले को वापस लिए जाने की मांग करते हुए केजरीवाल ने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था चौपट हो जाएगी। नोटबंदी के नाम पर घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है। कालेधन वाले अपना पैसा सोना, संपत्ति और डॉलर में खरीद रहे हैं। डॉलर को दो हजार रुपए के नोट से बदला जा रहा है। 

‘दोस्तों’ को पहले सतर्क कर दिया
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि मोदी ने 8 नवंबर से पहले अपने ‘दोस्तों’ को सतर्क कर दिया था। उन्होंने कहा कि हम सीएनबीसी की रिपोर्ट सामने लाएंगे जिससे यह साफ हो जाता है कि जुलाई-सितंबर की तिमाही में सामान्य की तुलना में काफी अधिक पैसा बैंकों में जमा किया गया। आखिर यह पैसा किसका था।  गौरतलब है कि सरकार ने आठ नवंबर की मध्य रात्रि से पांच सौ और एक हजार रुपए के पुराने नोटों का प्रचलन बंद कर दिया था। इन नोटों को बदलवाने के लिए लोगों को 30 दिसंबर तक का समय दिया गया है। 

लोगों को आ रही दिक्कतें 
इस अवधि में लोग चार हजार रुपए तक के नोट अपनी पहचान बताकर बैंकों और डाकघरों में बदलवा सकते हैं। खातों में धन जमा करने की कोई सीमा नहीं है लेकिन जमाकर्ता को इसका हिसाब देना पड़ेगा। सरकार के इस फैसले के बाद लोगों को अपने दैनिक खर्चों को चलाने में दिक्कतें आ रही हैं। पिछले तीन दिनों से नोट बदलवाने के लिए बैंकों पर सुबह से ही लाइनें लग रही हैं। एटीएम पर भारी भीड़ की वजह से भी लोग परेशान हो रहे हैं। कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा), वामपंथी और तृणमूल कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। 

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