Edited By shukdev,Updated: 07 Oct, 2018 10:57 PM
:दिल्ली की तीनों नगर निगमों को दिल्ली सरकार के जरिए मिलने वाले फंड को लेकर बीते कुछ दिनों से चल रहा आरोप प्रत्यारोप रविवार को भी जारी रहा। भाजपा शासित नगर निगम दिल्ली सरकार से चौथे वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिश को लागू करने की मांग कर रहा है। वहीं...
नई दिल्ली : दिल्ली की तीनों नगर निगमों को दिल्ली सरकार के जरिए मिलने वाले फंड को लेकर बीते कुछ दिनों से चल रहा आरोप प्रत्यारोप रविवार को भी जारी रहा। भाजपा शासित नगर निगम दिल्ली सरकार से चौथे वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिश को लागू करने की मांग कर रहा है। वहीं दिल्ली के सीएम कहते हैं कि उन नगर निगमों को देने के लिए केंद्र से जितना पैसा मिलता है उसका तीन गुना दे चुके हैं। रविवार को केजरीवाल और मनोज तिवारी दोनों के बीच ट्विटर वार शुरू हो गया।
हमारे हिसाब से केंद्र ने दिल्ली को केवल 325 करोड़ रुपए दिए हैं। पर बहस करने की ज़रूरत नहीं है। आप केंद्र को कह दीजिए कि MCD के ये 10 हज़ार करोड़ सीधे MCD को भेज दें। हमारे ज़रिए भेजने की ज़रूरत नहीं है।
तो अब आगे से तो MCD को दिल्ली सरकार से कोई पैसा देने की ज़रूरत नहीं होगी ना? https://t.co/akIvTIFaVY
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 7, 2018
मनोज तिवारी द्वारा किए गए बीते चार अक्टूबर को किए गए ट्वीट का जवाब देते हुए केजरीवाल ने कहा कि मेरे हिसाब से केंद्र ने दिल्ली को सिर्फ 325 करोड दिए हैं इस पर बहस करने की जरूरत नहीं है। आप केंद्र को कह दीजिए कि एमसीडी के लिए दस हजार करोड़ सीधे एमसीडी को भेज दें हमारे जरिए भेजने की जरूरत नहीं तो अब आगे से एमसीडी को दिल्ली सरकार से कोई पैसा देने की जरूरत नही ना..।
•@ArvindKejriwal Ji As now you have started reading my tweets, request you to reduce at least ₹5 / litre, on Petrol and Diesel for the benefit of Delhiites.
Please....कम कर दो आप को तो ₹ 28/ litre मिलता है
फ़न्ड् पे डिबेट का समय भी बता दो
— Manoj Tiwari (@ManojTiwariMP) October 7, 2018
केजरीवाल द्वारा उक्त जवाब देने के बाद भाजपा ने उन्हें घेरना शुरू कर दिया। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने केजरीवाल के उक्त ट्वीट के बाद उनसे दो सवाल पूछे और जवाब मांगा हालांकि शाम तक केजरीवाल की और से कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने केजरीवाल से पूछा कि क्या मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से नीति आयोग के माध्यम से मिलने वाला दिल्ली का राजस्व शेयर बड़ा है या नहीं? दूसरा सवाल कि क्या ये सच है कि नहीं 2014 से अब तक केंद्र सरकार ने दिल्ली के रोड़, बिजली, पानी के मूलभूत ढ़ांचे के सुधार विकास के लिए साठ हजार करोड़ से अधिक दिया है या नहीं?