मोदी पर बिना कमेंट किए केजरीवाल की नई रिवायत, चुनाव में कायम की मिसाल

Edited By Suraj Thakur,Updated: 09 Feb, 2020 02:38 PM

kejriwal new custom without commenting on modi

चुनाव अपने आप में एक अनूठी मिसाल कायम कर गया जिससे भाजपा को भी सबक लेने की जरूरत है।

-नजरिया

नेशनल डैस्क (सूरज ठाकुर): दिल्ली के सियासी दंगल में आम आदमी पार्टी ने देश में एक नई रिवायत शुरू है कि काम के बदले में वोट मांगे। इस चुनाव का एक सार्थक पहलू यह भी रहा कि अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी पर कोई टिप्पणी नहीं की। प्रचार के अंतिम समय तक वह अपने काम के दम पर ही चुनाव मैदान में डटे रहे।

PunjabKesari

मुद्दे और हथकंडे 
आम आदमी पार्टी के नेताओं के काम के बारे में जब मीडिया ने पूछा तो उन्होंने सरकार किए गए कार्यों के प्रत्यक्ष उदाहरण भी दिए। दूसरी तरफ भाजपा की बात करें तो उसने चुनाव जीतने के लिए साम दाम दंड भेद की राजनीति को अपनाते हुए कोई हथकंडा नहीं छोड़ा। सीएम केजरीवाल को आतंकी तक कह डाला। कांग्रेस की बात करें तो इसके नेता अच्छी तरह जानते थे कि वे वायदों के अलावा कुछ भी नहीं कर सकते थे अलबत्ता उन्होंने एग्जिट पोल आते ही अपनी हार स्वीकार कर ली। चुनाव प्रचार के दौरान यह भी सामने आया कि राष्ट्रवाद, 370, CAA और NRC के अलावा भाजपा के पास अब मुद्दे खत्म हो चुके हैं।

PunjabKesari

शाहीनबाग और सियासत
शाहीनबाग में चल रहे आंदोलन को सियासी हवा देना और राष्ट्रवाद से जोड़ना दुखद था, क्योंकि देश का कोई राज्य ऐसा नहीं है जहां पर कई मुद्दों और मांगों पर धरने प्रदर्शन नहीं होते हैं। ये अलग बात है कि राजनीतिज्ञों के लिए ऐसे धरने प्रदर्शन मायने नहीं रखते क्योंकि इन्हें राष्ट्रवाद से जोड़ा नहीं जा सकता। इसके अलावा चुनाव के ही दौरान संसद में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन का मामला भी चुनाव प्रचार के दौरान सामने आया। यह मुद्दे राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के लिए कितने अहमियत रखते हैं, यह भी चुनाव परिणाम में सामने आ ही जाएगा। दिल्ली के विश्व विद्यायलयों में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से युवाओं पर क्या असर पड़ा यह भी पता चल जाएगा।

PunjabKesari

नाकारात्मक पहलू
मतदान से पहले मनीष सिसोदिया के ओएसडी का रिश्वत लेते पकड़ा जाना। गोली मारों के नारों पर गोलियां चलना भी चुनाव प्रचार के दौरान एक नाकारात्मक पहलू रहा और सबसे बड़ी रोचक बात तो यह रही कि भाजपा के नेता छोटे से छोटे घटनाक्रम को पाकिस्तान के साथ जोड़ते चले गए। जिसका दिल्ली के विकास और राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था। मैं यह तो नहीं कहता कि आम आदमी पार्टी को ही इस रिवायत के साथ देश में अपना विस्तार करना चाहिए, हर राजनीतिक दल को काम के आधार पर ही चुनाव प्रचार करना चाहिए जो मजबूत लोकतंत्र और जनता के लिए जरूरी है। चुनाव के परिणाम तो 11 को आ ही जाएंगे, लेकिन यह चुनाव अपने आप में एक अनूठी मिसाल कायम कर गया जिससे भाजपा को भी सबक लेने की जरूरत है।

PunjabKesari

 

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!