केजरीवाल 'धर्म की सियासत'

Edited By ,Updated: 13 Jul, 2016 11:42 AM

kejriwal politics absorbed in religion

हम धर्म की राजनीती नहीं करने आए हम मुद्दों की राजनीती करने आए हैं। ऐसे बयान देने वाले दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविन्द केजीवाल धर्म की सियासत के मामले में तमाम सियासी दलों को पीछे छोड़ते नजर आ रहे हैं।

नई दिल्ली: हम धर्म की राजनीती नहीं करने आए हम मुद्दों की राजनीती करने आए हैं। ऐसे बयान देने वाले दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविन्द केजीवाल धर्म की सियासत के मामले में तमाम सियासी दलों को पीछे छोड़ते नजर आ रहे हैं। वह अन्य सिर्फ धर्म की सियासत कर रहे हैं बल्कि विभिन धर्मों को प्रतीकों के सहारे सन्देश देने की कोशिश भी  कर रहे हैं। हाल ही में केजरीवाल की सियासी गतिविधियां तो इस तरफ ही इशारा कर रही हैं।

केजरीवाल का धार्मिक कार्ड :
►गुजरात में हिन्दुओं को लुभाने के लिए गुजरात की अपनी यात्रा की शुरुआत सोमनाथ मंदिर से की,यहीं से लाल कृष्ण आडवाणी ने अपनी रथ यात्रा शुरू की थी।  यह पुरातन मंदिर हिन्दुओं की आस्था का बड़ा केंद्र है।

►पंजाब के दौरे की शुरुआत श्री दरबार साहिब से क। दरबार साहिब सिखों का मक्का है और आस्था का बड़ा केंद्र है।

►सिख वोटरों को लुभाने के लिए 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में एस आई टी का गठन और उसका जम कर प्रचार।

►दिल्ली सरकार द्वारा दंगा पीड़ितों के मकान की मरम्मत का फैसला सिख वोटरों को लुभाने के लिए।

►मुस्लिम वोटरों को लुभाने के लिए इफ्तार पार्टियों में मुस्लिम पहरावे में शिरकत के फोटो वायरल करवाए।

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