ऑफ द रिकॉर्ड: केजरीवाल हरियाणा में ‘आप’ की चुनावी लड़ाई लडऩे के अनिच्छुक

Edited By Pardeep,Updated: 15 Sep, 2019 04:41 AM

kejriwal reluctant to contest aap s electoral battle in haryana

आम आदमी पार्टी (आप) धीरे-धीरे मगर निश्चित तौर पर अपनी रणनीति बदल रही है। ऐसा दिखाई देता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और ‘आप’ नेता अरविंद केजरीवाल ने कुछ समय के लिए अपनी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा दरकिनार कर दी है और राष्ट्रीय राजधानी में अपना पूरा ध्यान...

नेशनल डेस्क: आम आदमी पार्टी (आप) धीरे-धीरे मगर निश्चित तौर पर अपनी रणनीति बदल रही है। ऐसा दिखाई देता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और ‘आप’ नेता अरविंद केजरीवाल ने कुछ समय के लिए अपनी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा दरकिनार कर दी है और राष्ट्रीय राजधानी में अपना पूरा ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी है कि पार्टी महाराष्ट्र और झारखंड में कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगी मगर हरियाणा में इस संबंध में स्थिति भ्रामक बनी हुई है। 

हरियाणा में विधानसभा चुनावों की घोषणा अगले सप्ताह किसी भी समय हो सकती है। इस संबंध में ‘आप’ के नेताओं ने एक लंबी बैठक की जिसमें केजरीवाल के कैबिनेट सहयोगियों और संसद के दोनों सदनों के सदस्यों ने भाग लिया। ‘आप’ के राज्यसभा सदस्य और हरियाणा के प्रमुख नेता चाहते हैं कि पार्टी बड़े पैमाने पर राज्य के विधानसभा चुनाव लड़े मगर अन्य नेता इस पर सहमत नहीं। बहुत से पार्टी नेताओं ने कहा कि आपको किसी दूसरे राज्य में अपनी शक्ति बर्बाद करने की बजाय केवल दिल्ली में सरकार बनाने पर ध्यान देना चाहिए। 

‘आप’ के एक अन्य नेता, जो अपना नाम नहीं बताना चाहते, ने कहा, ‘‘समय बदल गया है और कांग्रेस पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। हमें इस बात को स्वीकार करना चाहिए कि हम कहीं भी कांग्रेस का विकल्प नहीं बन सकते। हमने कांग्रेस को हराकर केवल दिल्ली के चुनाव जीते थे। हमें सबसे पहले 2020 में दिल्ली सरकार पर कब्जा बनाए रखना होगा।’’ अंतत: यह फैसला किया गया कि ‘आप’ विधानसभा के चुनाव अकेले ही लड़ेगी और किसी भी क्षेत्रीय पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी जैसा कि लोकसभा चुनावों के दौरान किया गया था। 

दूसरी बात यह कि हरियाणा में ‘आप’ नेतृत्व को केवल उन 12 से 15 सीटों पर चुनाव लडऩा चाहिए जहां उसका दबदबा है और वह सीटें जीत सकती है। राज्य की सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लडऩे की जरूरत नहीं। कम से कम 15 सीटों पर ही ध्यान देना चाहिए। बताया जाता है कि बैठक के दौरान चर्चा में केजरीवाल खामोश रहे। वह उस समय मुस्कुराएं जब पार्टी नेता अपने आप इस बात पर सहमत हुए कि आपको हरियाणा में केवल सीमित सीटों पर ही चुनाव लडऩा चाहिए और राज्य में गैर-जाट, गरीब, एस.सी., बनिया, बहुल सीटों पर ही ध्यान देना चाहिए। 

बताया जाता है कि केजरीवाल चुनावों में कोई बहुत बड़ा चुनाव अभियान शुरू नहीं करेंगे, जैसा कि उन्होंने मई 2019 के लोकसभा चुनावों में किया था और एक भी सीट नहीं जीती थी। केजरीवाल केवल एक ही रैली को संबोधित करेंगे वह भी जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन करने के बाद। यह निश्चित तौर पर ‘आप’ के पहले के स्टैंड से पूरी तरह बदलाव के रूप में है जब वह देश में हर चुनाव लड़ती थी।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!