केजरीवाल बोले- जो जहां है वहीं रहे, पलायन से बढ़ जाएगा कोरोना का खतरा

Edited By Yaspal,Updated: 28 Mar, 2020 07:54 PM

kejriwal said stay where you are migration will increase the risk of corona

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए जारी लॉकडाउन के चलते राष्ट्रीय राजधानी छोड़कर जा रहे प्रवासी मजदूरों से यहीं रहने की अपील करते हुए शनिवार को उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनके लिए भोजन और रहने का...

नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए जारी लॉकडाउन के चलते राष्ट्रीय राजधानी छोड़कर जा रहे प्रवासी मजदूरों से यहीं रहने की अपील करते हुए शनिवार को उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनके लिए भोजन और रहने का इंतजाम कर रही है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि उनकी सरकार ने इन मजदूरों के लिए बसें उपलब्ध कराई हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने यहां ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आप सरकार के मंत्री और विधायक विभिन्न क्षेत्रों में जा रहे हैं और प्रवासी मजदूरों से अपने गृह राज्य नहीं जाने की अपील कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने गृह राज्यों के लिए रवाना हो रहे हैं उनके ठहरने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में भोजन और पानी की सुविधा के साथ आश्रयगृह स्थापित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूर चिंतिंत हैं क्योंकि उन्हें लग रहा है कि लॉकडाउन लंबा खिंचेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर में 800 केंद्र गरीबों और जरूरतमंदों को मुफ्त भेाजन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि शहर में उचित दर की 1000 दुकानें प्रति व्यक्ति साढ़े सात किलोग्राम मुफ्त राशन वितरित कर रही हैं और करीब 71 लाख लोगों को मुफ्त राशन मिलेगा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इसी तरह की अपील की और कहा कि दिल्ली सरकार ने शहर से अपने घर जाने की कोशिश कर रहे मजदूरों के लिए 100 बस उपलब्ध कराई हैं। उन्होंने भी प्रवासियों से अपील की कि वे जहां हैं, वहीं रहें, उनके लिए राज्य सरकार पूरे इंतजाम कर रही है।

इससे पहले, केजरीवाल ने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश और दिल्ली की सरकारों ने बसों की व्यवस्था की है। फिर भी, मैं सभी से अपील करता हूं कि वे जहां हैं, वहीं रहें। हमने रहने और भोजन के इंतजाम किए हैं। कृपया घर पर ही रहें। अपने गांव वापस मत जाओ, अन्यथा लॉकडाउन का उद्देश्य विफल हो जाएगा।'' दिल्ली परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों के पैदल अपने घरों की ओर जाना शुरू करने के बाद बसों की व्यवस्था की गई हैं। डीटीसी और क्लस्टर बस उन्हें उत्तर प्रदेश की सीमा से लगते स्थानों तक छोड़ देंगी जहां से उस राज्य की बसें उन्हें आगे ले जाएंगी।

सिसोदिया ने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली सरकार की 100 और उप्र सरकार की 200 बस दिल्ली से पैदल जाने की कोशिश कर रहे लोगों को ले जा रही हैं। अब भी, मैं सभी से लॉकडाउन का पालन करने का आग्रह करता हूं। बाहर जाने पर, किसी भी तरह के प्रवास पर कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा है क्योंकि तब आपसी मेलजोल बढ़ेगा।''

दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने भी दिल्ली छोड़ रहे लोगों से यहीं रहने की अपील की और कहा कि सरकार उन्हें स्कूलों में ठहराएगी। दिल्ली सरकार ने 224 रैन बसेरों और 325 स्कूलों में करीब चार लाख गरीबों तथा जरूरतमंदों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है। हालांकि, हजारों प्रवासी मजदूरों और दिहाड़ी श्रमिकों के लिए कोई ठोस योजना नहीं है जो लॉकडाउन की वजह से अपना रोजगार और आजीविका खो चुके हैं।

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