अब भी गठबंधन न होने पर केजरीवाल की मुहर बाकी

Edited By vasudha,Updated: 20 Jan, 2019 10:59 AM

kejriwal silent about alliance between congress

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को लेकर शुक्रवार को आप दिल्ली कमेटी के संयोजक और कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने अलगाव का बयान तो दे दिया है लेकिन, उसको अंतिम नहीं माना जा रहा है...

नई दिल्ली(अनिल श्रीवास्तव): आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को लेकर शुक्रवार को आप दिल्ली कमेटी के संयोजक और कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने अलगाव का बयान तो दे दिया है लेकिन, उसको अंतिम नहीं माना जा रहा है। कांग्रेस से गठबंधन नहीं होगा? या होगा? इस फैसले पर अंतिम मुहर आम आदमी पार्टी के मुखिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही लगाएंगे। क्योंकि, आम आदमी पार्टी के टारगेट पर मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी ही है, कांग्रेस नहीं। दरअसल, आप हर कीमत पर भाजपा को दिल्ली में तो रोकना ही चाहती है। इसको देखते हुए गोपाल राय ने कांग्रेस से गठबंधन नहीं होगा, का जो बयान दिया है वह फाइनल नहीं है। इसको लेकर आप दफ्तर में भी हलचल है।

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आप सूत्रों पर भरोसा करें तो पार्टी वर्कर भारतीय जनता पार्टी को दिल्ली में पटकनी देना चाहते हैं। उनकी दिलचस्पी हरियाणा व पंजाब में उतनी नहीं है। कारण, दिल्ली को वे अपना बेस मानते हैं जहां पर आप का उदय हुआ और वह आज दिल्ली की सत्ता पर आसन्न है। वहीं वर्कर इस बात को जानकर खुद हैरान हैं जो गोपाल राय ने दिए हैं। हालांकि, कांग्रेस पहले भी तत्कालीन अध्यक्ष अजय माकन के समय से ही आप के प्रति जहर घोलती रही है और अब तो शीला दीक्षित के अध्यक्ष बनने के बाद भी घोल रही है। वहीं, केजरीवाल ने न तो पहले ही आस छोड़ी थी और न ही अब छोड़ी है। गठबंधन को लेकर अंतिम फैसला वही होगा जिस पर केजरीवाल अपना अंतिम मुहर लगा देंगे। कारण, स्पष्ट है। गठबंधन होगा या नहीं, इसको लेकर न तो आप सुप्रीमों ने कोई बयान दिया है और न ही कांग्रेस मुखिया राहुल गांधी ने। 

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हरियाणा व पंजाब को भी साधना पड़ेगा केजरी को
आप मुखिया अरविंद केजरीवाल कांग्रेस से गठबंधन का निर्णय लेते हैं तो उन्हें हरियाणा और पंजाब के आप कमेटी को साधना होगा। कारण, पिछले दिनों केजरीवाल जब हरियाणा और पंजाब के आप नेताओं की मीटिंग लिए थे तो उसमें कांग्रेस से गठबंधन के सवाल पर उनको भारी विरोध झेलना पड़ा था। एचएस फुल्का और खैरा सहित कुछ नेताओं द्वारा दिए गए इस्तीफे इसी का परिणाम बताए जा रहे हैं। आप की पंजाब व हरियाणा इकाई गठबंधन के खिलाफ आज भी है। हालांकि, इतने विरोध के बावजूद केजरीवाल ने चुप्पी साधी हुई है। बताते हैं कि वह वर्तमान परिस्थितियों का आंकलन करने में लगे हुए हैं। उन्होंने अभी अपना पासा नहीं फेंका है। 

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बाकी जगहों पर बढ़ते हैं वोटर, दिल्ली में घट रहे: राघव
चुनाव आयोग ने दिल्ली के मतदाताओं की अंतिम सूची जारी की। इसके मुताबिक पिछले साल के मुकाबले 1.22 लाख मतदाताओं की संख्या घटी है जबकि हर जगह संख्या बढ़ रही है। इसलिए यह सूची इस बात की पुष्टि करती है कि आम आदमी पार्टी जो पिछले कुछ महीनों से कहती आ रही है कि भाजपा ने एक षड्यंत्र के तहत दिल्ली से लगभग 30 लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट से कटवा दिए हैं, वो बात शत प्रतिशत सही है।

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