Edited By Seema Sharma,Updated: 15 Jan, 2019 08:52 AM
: साढ़े 4 साल से केंद्र सरकार से जुबानी जंग में उलझे दिल्ली के सी.एम. अरविंद केजरीवाल अब भाजपा से आगामी लोकसभा चुनावों में दो-दो हाथ करने के मूड में हैं। भाजपा को परास्त करने का जुनून
नेशनल डेस्क (महिन्द्र ठाकुर): साढ़े 4 साल से केंद्र सरकार से जुबानी जंग में उलझे दिल्ली के सी.एम. अरविंद केजरीवाल अब भाजपा से आगामी लोकसभा चुनावों में दो-दो हाथ करने के मूड में हैं। भाजपा को परास्त करने का जुनून उन पर कुछ इस कदर हावी है कि उन्होंने पूरे देश में लोकसभा चुनाव लडऩे के अपने ऐलान को वापस ले लिया है ताकि वह पूरी मजबूती के साथ भाजपा की घेराबंदी कर सकें। केजरीवाल ने चुनावों के मद्देनजर जो ब्ल्यूप्रिंट तैयार किया है उसके मुताबिक उनकी कोशिश यह है कि कम से कम दिल्ली में भाजपा की 7 सीटों पर झाड़ू फेर कर राजधानी की सियासत पर अपनी पकड़ मजबूत की जाए। इसकी झलक कुछ दिन पहले ‘आप’ की बैठक में दिखी भी।
इस बैठक में अरविंद केजरीवाल ने पार्टी कार्यकर्त्ताओं से कहा है कि यह आम आदमी पार्टी का दायित्व है कि वह दिल्ली की सभी 7 सीटों पर भाजपा को हराए। हम जब सत्ता में आए तो अधिकारी से लेकर कर्मचारी सभी डरते थे मगर भाजपा ने एक-एक करके हमसे सभी अधिकार छीन लिए। यही नहीं, हमारे काम में रुकावटें भी पैदा कीं। उन्होंने कार्यकत्र्ताओं से कहा है कि वे डोर टू डोर अभियान में समझदारी से काम करें। जनता के बीच जाकर उन्हें समझाना होगा।
यह है केजरीवाल की रणनीति
10 घर पर एक विजय प्रमुख की नियुक्ति
आम आदमी पार्टी ने तय किया है कि प्रत्येक 10 घर पर एक विजय प्रमुख बनाया जाएगा जिसका काम होगा उन 10 घरों के वोट पार्टी के खाते में सुनिश्चित करना। ‘आप’ के इस कदम को भाजपा के पन्ना प्रमुख की काट के रूप में देखा जा रहा है।
01 बूथ पर एक अधिकारी की तैनाती
इसके अलावा पार्टी ने तय किया है कि भाजपा की तर्ज पर बूथ को मजबूत करने के लिए हर विधानसभा क्षेत्र के सभी बूथों पर एक बूथ अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी ताकि चुनावों से पहले पार्टी की पहुंच हर घर तक संभव हो।
केजरीवाल की कार्यकर्त्ताओं संग बैठकें
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल खुद लोकसभा वार कार्यकर्त्ताओं के साथ बैठक कर उन्हें सक्रिय करेंगे ताकि पार्टी के प्रचार व प्रसार को गति मिले।
भाजपा की हार के लिए गठबंधन से भी परहेज नहीं
हालांकि अभी तक तो आम आदमी पार्टी अपने दम पर चुनाव लडऩे की बात कह रही है लेकिन भाजपा को हराने के लिए वह गठबंधन हेतु भी तैयार है। इस संबंध में पार्टी नेता संजय सिंह ने भी कहा है कि हमारा लक्ष्य केवल इन सीटों पर अच्छा करना और भाजपा को रोकना है। इसके लिए हम समान विचार वाले दलों से हाथ मिलाने के लिए भी तैयार हैं।
‘आप’ 4 राज्यों व एक यू.टी. में ही लड़ेगी चुनाव
आम आदमी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा, पंजाब व गोवा की 30 सीटों पर लड़ेगी।
‘आप’ के सर्वे में 10 फीसदी घटा भाजपा का वोट
भाजपा को भले ही दोबारा 7 सीटें जीतने की उम्मीद है लेकिन अगर आम आदमी पार्टी के आंतरिक सर्वे की रिपोर्ट को मानें तो इस बार भाजपा को पिछले चुनावों के मुकाबले कम से कम 10 फीसदी कम वोट मिलेंगे।