Edited By vasudha,Updated: 05 Jun, 2020 08:49 AM
केरल में एक गर्भवती हथिनी की मौत के मामले में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि जांच टीमों की नजर तीन संदिग्धों पर है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय मंत्रियों सहित कुछ लोग घटना का इस्तेमाल राज्य की छवि खराब करने के लिए कर रहे हैं। घटना में दोषी...
नेशनल डेस्क: केरल में एक गर्भवती हथिनी की मौत के मामले में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि जांच टीमों की नजर तीन संदिग्धों पर है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय मंत्रियों सहित कुछ लोग घटना का इस्तेमाल राज्य की छवि खराब करने के लिए कर रहे हैं। घटना में दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
विजयन ने कहा कि घटना की जांच कर रही केरल पुलिस और वन विभाग की अपराध शाखा की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और सबूत जुटाए। न्याय काम करेगा और दोषियों को सजा मिलेगी। वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि 27 मई को हथिनी की मौत की घटना के संबंध में तीन संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है और दो अन्य संदिग्धों की तलाश की जा रही है। राज्य के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने टि्वटर पर घटना को लेकर रोष जताया और कहा कि केरल और बाहर से हजारों याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं और दिल दहला देने वाली इस घटना से उत्पन्न रोष को समझा जा सकता है। सोशल मीडिया पर घटना को लेकर लोग गुस्सा जता रहे हैं और दोषियों को कड़ा दंड देने की मांग कर रहे हैं।
संदेह है कि 15 वर्षीय हथिनी ने पटाखों से भरा अनानास खा लिया जो उसके मुंह में फट गया और एक सप्ताह बाद वेलियार नदी में उसकी मौत हो गई। सोशल मीडिया पर आक्रोश और घटना पर केंद्र के गंभीर चिंता जताए जाने के बीच विजयन का कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन आया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पटाखा खिलाकर हत्या करना भारत की संस्कृति में नहीं है और सरकार दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि केरल के मलप्पुरम में हथिनी के मारे जाने का केंद्र ने गंभीर संज्ञान लिया है। पटाखा खिलाना और हत्या करना भारत की संस्कृति में नहीं है।
भाजपा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने ट्वीट किया कि मलप्पुरम अपनी आपराधिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है, खासकर जानवरों के प्रति अपराधों को लेकर। विजयन ने कहा कि केरल और मलप्पुरम जिले के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर ‘‘संगठित अभियान'' चलाया जा रहा है तथा राज्य को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। यहां तक कि केंद्रीय मंत्री भी इसमें शामिल हैं।