केरल HC के जज बोले- अच्छे कर्मों के कारण ब्राह्मण धरती पर लेते हैं दो बार जन्म

Edited By vasudha,Updated: 25 Jul, 2019 12:59 PM

kerala high court judge says brahmins take birth on earth twice time

केरल हाई कोर्ट के जज वी चितंबरेश ने एक अजीबोगरीब बयान देकर नए विवाद को पैदा कर दिया है। चितंबरेश के अनुसार पूर्व जन्मों के कर्मों के आधार पर ब्राह्मणों का जन्म दो बार होता है। ब्राह्मणों को जातिगत आरक्षण के खिलाफ आंदोलन करने की नसीहत देते हुए केरल...

नेशनल डेस्क: केरल हाई कोर्ट के जज वी चितंबरेश ने एक अजीबोगरीब बयान देकर नए विवाद को पैदा कर दिया है। चितंबरेश के अनुसार पूर्व जन्मों के कर्मों के आधार पर ब्राह्मणों का जन्म दो बार होता है। ब्राह्मणों को जातिगत आरक्षण के खिलाफ आंदोलन करने की नसीहत देते हुए केरल हाई कोर्ट के जज ने यह बात कही। 
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जस्टिस चिताम्बरेश ने तमिल ब्राह्मणाें के ग्लाेबल सम्मेलन में ब्राह्मणाें के सामाजिक-आर्थिक हालात का मुद्दा उठाते हुए कहा कि संवैधानिक पद पर हाेने की वजह से वह अपनी काेई राय जाहिर नहीं कर रहे हैं। लेकिन यह ब्राह्मणों के लिए मंथन का वक्त है। क्या आरक्षण सिर्फ समूह या जाति के आधार पर मिलना चाहिए। मैं आपको केवल यह बताना चाहता हूं कि आंदोलन के लिए आपके पास एक मंच है। आप सिर्फ आर्थिक आधार पर आरक्षण की बात उठाएं, जाति या धर्म आधारित आरक्षण की नहीं। 
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चितंबरेश ने ब्राह्मण समुदाय की सराहना करते हुए कहा कि ब्राह्मण द्विजन्मना होता है। यानी वह दो बार जन्म लेने वाला होता है। पूर्व जन्म में किए अच्छे कर्मों की वजह से उसका दो बार जन्म होता है। वह यही नहीं रूके उन्होंने आगे कहा कि ब्राह्मणों में कुछ खास विशेषताएं होती हैं, जैसे स्वच्छ रहना, अच्छी सोच, अच्छा चरित्र और ज्यातर का शाकाहारी होना। ब्राह्मण शास्त्रीय संगीत का पुजारी होता है. अगर किसी भी व्यक्ति के अंदर ये सभी आदतें समाहित हो जाती हैं तो वो ब्राह्मण होता है। 

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