हड़ताल के दौरान हिंसा के लिए BJP, आरएसएस पर बरसे केरल के CM

Edited By Anil dev,Updated: 03 Jan, 2019 01:43 PM

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केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बृहस्पतिवार को सबरीमला मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश किए जाने के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों को लेकर भाजपा, आरएसएस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उनके द्वारा की गई हिंसा से सख्ती से निपटा जाएगा।

तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बृहस्पतिवार को सबरीमला मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश किए जाने के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों को लेकर भाजपा, आरएसएस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उनके द्वारा की गई हिंसा से सख्ती से निपटा जाएगा।  विजयन ने कहा कि दोनों महिलाएं सबरीमला में ‘‘ऊपर से नहीं उतरीं’’, बल्कि वे सामान्य भक्तों की तरह ही गई थीं और अन्य श्रद्धालुओं ने उनका विरोध नहीं किया। उन्होंने यहां संवददाताओं को बताया, ‘‘सबरीमला मंदिर में प्रवेश करने वाली कनकदुर्गा और बिंदू ने मंदिर जाने के लिए सुरक्षा मांगी थी जिसके बाद उन्हें सुरक्षा प्रदान की गई। वे ऊपर से नहीं उतरी थीं। वे सामान्य भक्तों की तरह ही मंदिर गईं। अन्य श्रद्धालुओं ने उनका विरोध नहीं किया।’’ 

सीएम ने की मंदिर को बंद करके शुद्धिकरण करने की कड़ी चुनौती
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर हड़ताल करना उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ हड़ताल करने जैसा है। शुद्धिकरण के लिए मंदिर को बंद करने के मुख्य पुजारी के कदम की कड़ी आलोचना करते हुए, विजयन ने कहा कि यह शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ था। विजयन ने कहा, ‘‘इस तरह की चीजों का फैसला देवस्व ओम बोर्ड को करना है। यह कदम न केवल उच्चतम न्यायालय के फैसले का उल्लंघन था, बल्कि बोर्ड के नियमों के खिलाफ भी था।’’  बुधवार को तड़के पारंपरिक रूप से प्रतिबंधित रजस्वला आयु वर्ग की दो महिलाओं द्वारा मंदिर में प्रवेश करने के बाद राज्य में कई जगह हिंसा हुई। प्रदर्शन के दौरान केरल राज्य परिवहन निगम की 79 बसें क्षतिग्रस्त हो गई। कई मीडियाकर्मी, महिलाएं और 31 पुलिसकर्मी घायल हो गए। कई जगहों पर माकपा के कार्यालयों पर भी हमला किया गया।

भाजपा ने किया हड़ताल का समर्थन
गौरतलब है कि सुबह से लेकर शाम तक की यह हड़ताल विभिन्न हिंदुत्ववादी समूहों के एक संयुक्त संगठन ‘सबरीमला कर्म समिति’ द्वारा बुलाई गई है, जो उच्चतम न्यायालय के 28 सितंबर के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों की अगुवाई कर रहा है।  न्यायालय ने 28 सितंबर को दिए गए अपने आदेश में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को सबरीमला में स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर में प्रवेश की अनुमति दे दी थी। सबरीमला कर्म समिति द्वारा आयोजित हड़ताल का भाजपा ने समर्थन किया है।      

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