Edited By vasudha,Updated: 27 Jan, 2021 10:30 AM
ट्रैक्टर परेड के नाम पर राष्ट्रीय राजधानी में आए तूफान की आंच अब अमेरिका तक भी पहुंच गई है। अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और इस दौरान खालिस्तानी झंडे भी लहराए गए। दिल्ली में ट्रैक्टर...
नेशनल डेस्क: ट्रैक्टर परेड के नाम पर राष्ट्रीय राजधानी में आए तूफान की आंच अब अमेरिका तक भी पहुंच गई है। अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और इस दौरान खालिस्तानी झंडे भी लहराए गए। दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान किसानों के एक जत्थे ने लाल किला परिसर पहुंचकर अपना झंडा लहरा दिया है।
लगाए गए भारत विरोधी नारे
किसानों के समर्थन के नाम पर अमेरिका में प्रदर्शन किया जा रहा है। भीड़ में कई लोगों के हाथों में 'खालिस्तान' के झंडे भी थे। इस दौरान भारत विरोधी नारे भी लगाए गए। एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि हम हर साल 26 जनवरी को काला दिवस के रूप में मनाते हैं, लेकिन इस साल हम भारत में किसानों के साथ एकजुटता से खड़े हैं। करीब एक महीने पहले भी वाशिंगटन में खालिस्तानी झंडे लहराए गए थे।
वाशिंगटन में पहले भी हुई थी ऐसी घटना
कृषि कानून के विरोध और भारत में हो रहे किसान आंदोलन के समर्थन में खालिस्तान समर्थकोंने वाशिंगटन में भारतीय दूतावास के बाहर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया था और वहां लगी गांधी जी की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ और अनादर व्यक्त किया था। खालिस्तानी समर्थकों ने बापू की प्रतिमा पर खालिस्तानी झंडा डालकर ढक दिया था। इस बार किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए गांधी प्रतिमा के चारों ओर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
गणतंत्र दिवस के मौके पर मचा बवाल
बता दें कि गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में जमकर बवाल मचाया गया। आईटीओ पर टकराव के दौरान बड़ी संख्या में किसानों ने लाल किला परिसर में घुसकर अपना झंडा लहराया दिया। पंद्रह अगस्त को जिस स्थान पर झंडा फहराया जाता है उसके पास ही किसानों ने अपना झंडा लगा दिया। पुलिस ने किसानों की भीड़ को इंडिया गेट की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठी चार्ज किया। आईटीओ पर भीषण टकराव में कई किसानों के साथ कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।