खड़गे ने PM को लिखा खत, लोकपाल की बैठक में शामिल होने से किया इंकार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Mar, 2018 12:28 PM

kharge refuses to join the lokpal meeting

केंद्र सरकार लोकपाल की नियुक्ति की तैयारी में है​ जिसे लेकर आज बैठक की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास में की जाने वाली इस बैठक में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को भी निमंत्रण भेजा गया था जिसे उन्होंने ठुकरा दिया...

नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार लोकपाल की नियुक्ति की तैयारी में है​ जिसे लेकर आज बैठक की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास में की जाने वाली इस बैठक में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को भी निमंत्रण भेजा गया था जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। खडगे ने पीएम को पत्र लिखकर लोकायुक्‍त अधिनियम व लोकपाल के सेक्‍शन 4 के तहत लोकपाल नियुक्ति पर चयन समिति की बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया है। 

मोदी सरकार पर उठाया सवाल
कांग्रेस नेता ने मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा कि विशेष तौर पर भेजा गया आमंत्रण सबसे जरूरी भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी समूह की चयन प्रक्रिया से विपक्ष की आवाज को बाहर करने का एक सम्मिलित प्रयास है। उन्होंने कहा कि हिस्सा लेने के अधिकार के बिना विशेष आमंत्रित व्यक्ति के तौर पर मेरी उपस्थिति, मेरे विचार दर्ज करना और मतदान करना प्रकट रूप से ढकोसला होगा जिसका लक्ष्य यह दिखाना है कि चयन प्रक्रिया में विपक्ष ने हिस्सा लिया था। उन्होंने लिखा कि इन परिस्थितियों में लोकपाल अधिनियिम 2013 की पवित्रता को बनाए रखने के लिए मुझे विशेष आमंत्रित व्यक्ति के निमंत्रण को जरूर अस्वीकार करना चाहिए क्योंकि मौजूदा प्रक्रिया ने एक प्रवित्र कार्यपद्धति को राजनीतिक उपस्थिति मात्र तक सीमित कर दिया है।

दोनों सदनों की सहमती से पास होगा लोकपाल कानून 
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार खड़गे वीरवार को दिल्ली पहुंचे, लेकिन उनके शामिल होने को लेकर पहले पार्टी कानूनी सुझाव लेगी तभी इसपर कोई फैसला ले पाएगी। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि इस बैठक में उनकी भूमिका स्पष्ट नहीं है। बता दें कि शीर्ष अदालत ने पिछले साल अपने फैसले में कहा था कि लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता के मुद्दे सहित प्रस्तावित संशोधनों को संसद से पारित होने तक लोकपाल कानून पर अमल निलंबित रखना न्यायोचित नहीं है। लोकपाल और लोकायुक्त कानून साल 2013 में दोनों सदनों (लोकसभा व राज्यसभा) की सहमति से पास हुआ था। पिछले चार साल से लोकपाल कानून सरकारी अधिकारियों की फाइलों में अटक कर रह गया है। इस बिल में लिखा गया है कि भ्रष्टाचार से जुड़े हम मामले की जांच लोकपाल के जरिए होगी।

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