Edited By Anu Malhotra,Updated: 29 Nov, 2024 11:41 AM
दिसंबर माह के 15 तारीख से 13 जनवरी तक एक बार फिर खरमास की अवधि शुरू हो रही है, जिसके कारण मांगलिक कार्यों पर ब्रेक लग जाएगा। सूर्य की धनु संक्रांति 15 दिसंबर को होगी, जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेगा। इस परिभ्रमण का प्रभाव एक माह तक रहता है और इसे...
नेशनल डेस्क : दिसंबर माह के 15 तारीख से 13 जनवरी तक एक बार फिर खरमास की अवधि शुरू हो रही है, जिसके कारण मांगलिक कार्यों पर ब्रेक लग जाएगा। सूर्य की धनु संक्रांति 15 दिसंबर को होगी, जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेगा। इस परिभ्रमण का प्रभाव एक माह तक रहता है और इसे मलमास या खरमास कहा जाता है। इस दौरान शादियों, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत और अन्य मांगलिक कार्यों को वर्जित माना जाता है।
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार, सूर्य की धनु संक्रांति के दौरान वर्ष में दो बार खरमास आता है, जिनमें से एक समय धनु राशि का होता है और दूसरा मीन राशि का। यह समय ग्रहों की स्थिति के अनुसार धार्मिक कार्यों और तीर्थ यात्राओं के लिए उपयुक्त होता है, जबकि शादी या अन्य मांगलिक कार्यों को स्थगित कर दिया जाता है।
धनु और मीन राशि के स्वामी ग्रह बृहस्पति होते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति होती है, जिसे सूर्य का उत्तरायण माना जाता है। उत्तरायण के बाद ही विवाह जैसे मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। इस समय को धर्म की वृद्धि और पुण्य कार्यों के लिए उपयुक्त माना जाता है।
अग्नि पुराण में भी इस अवधि का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि यह समय धार्मिक अनुष्ठान, सत्संग, भगवत भजन, दान और तीर्थ यात्रा के लिए आदर्श होता है। 16 जनवरी के बाद ही शादियों और अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत हो सकेगी।