Edited By Seema Sharma,Updated: 24 Dec, 2019 09:50 AM
दमकल अधिकारियों ने हादसे की रोंगटे खड़े करने वाले सीन को बयां किया। उन्होंने बताया कि जब वह मौके पर पहुंचे तो ग्राउंड फ्लोर पर लगे दो गेट बंद थे। बड़े गेट पर अंदर से कुंडी जबकि छोटे गेट पर ताला लगा हुआ था। बड़े गेट को जबरन खोलकर पहली मंजिल पर...
वेस्ट दिल्ली (नवोदय टाइम्स): दमकल अधिकारियों ने हादसे की रोंगटे खड़े करने वाले सीन को बयां किया। उन्होंने बताया कि जब वह मौके पर पहुंचे तो ग्राउंड फ्लोर पर लगे दो गेट बंद थे। बड़े गेट पर अंदर से कुंडी जबकि छोटे गेट पर ताला लगा हुआ था। बड़े गेट को जबरन खोलकर पहली मंजिल पर पहुंचे। पहली मंजिल पर धुआं भरा हुआ था। कमरा अंदर से बंद था। दो दमकलकर्मियों ने करीब 25 से 30 बार गेट पर लात मारकर गेट को जबरन खोला। कमरे में धुआं घुसा हुआ था। कमरे में घुसते ही उनके पैर में कंबल आया था। टॉर्च जलाकर देखा तो कंबल पड़ा था। उसको हटाया तो उदय की पत्नी मुस्कान अपने तीनों बच्चों को छाती से लगाकर कंबल ओढ़कर लेटी हुई थी। चारों के शरीर काले पड़े हुए थे। मुस्कान ने अपने तीनों बच्चों को काफी जोर से पकड़ रखा था। आगे देखा तो उदय चौधरी फर्श पर पड़ा था। चारों को तुरंत बाहर निकाला। दूसरी मंजिल पर जब वह गए तो सीढिय़ों की दीवारें जर्जर हो चुकी थीं। किसी तरह से जब वह कमरे में गए। रामचन्द्र की पत्नी, बहू और समधन फर्श पर पड़ी थी। उनके शरीर की काफी खाल जल चुकी थी। तीनों में सांस नहीं थी। इस बीच अचानक सिलेंडर ब्लास्ट हो गया। जिससे दीवार टूट गई। दोनों दमकलकर्मियों को भी मामूली चोट लगी थी।
उदय ने कई लोगों को किया था फोन
उदय चौधरी के पिता चिरंजीव चौधरी जोकि साउथ दिल्ली में रहते हैं और बड़ा भाई विजय कुमार उसी इलाके में अपने परिवार के साथ रहता है। विजय ने बताया कि रात करीब 12 बजे उदय ने अपने फोन से अपनी बहन, सास, उसे व एक दो जानकारों को फोन किया था। वह खांस खांसकर रोते हुए बोल रहा था कि भइया मेरा, पत्नी और बच्चों का दम घुट रहा है। बिल्डिंग में आग लग गई है, जिसमें हम फंस गए हैं। हमको किसी तरह से बचा लो, हम मरना नहीं चाहते हैं। दरवाजा भी नहीं खुल रहा है। काफी कोशिश कर चुके हैं। पीछे से उसकी पत्नी व बच्चों की भी आवाज सुनाई दे रही थी।
अंदर से आ रही थीं चीखें...बाहर बेबस खड़े थे लोग
लोगों ने बताया कि शुरुआत में ग्राउंड फ्लोर से धुआं निकल रहा था। देखते ही देखते आग ने पूरी बिल्डिंग को चपेट में ले लिया। पानी डालकर लोगों को बचाने की कोशिश की थी, लेकिन वह बेबस थे। आग ने भीषण रूप ले लिया था। पहली और दूसरी मंजिल से चिल्लाने की आवाज आती रही। वह उनको कुछ कहने की कोशिश भी कर रहे थे। लेकिन उन तक शायद आवाज नहीं पहुंच पा रही थी।
आग लगी तो सिलेंडर भी फट गया
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दूसरी मंजिल पर रहने वाले मकान मालिक रामचन्द्र की रसोई में हादसे के वक्त सिलेंडर ब्लास्ट हुआ था। जिसकी वजह से ही मरने वालों की संख्या ज्यादा हो गई। दमकल सूत्रों की मानें तो ब्लास्ट की चपेट में ही पूरा परिवार आ गया था। बिल्डिंग से ही एक बड़ा सिलेंडर भी बरामद हुआ है। जिसमें गैस भरी हुई थी। अगर यह भी सिलेंडर ब्लास्ट हो जाता तो शायद बिल्डिंग का एक हिस्सा गली में खड़े लोगों पर गिर जाता, जिससे कई लोग घायल हो सकते थे।
मेरे परिवार को साजिश के तहत मारा गया है : उदय के पिता
मृतक उदयकांत चौधरी के पिता चिरंजीव चौधरी ने बताया कि उदयकांत चौधरी ने करीब तीन साल पहले अमरनाथ झा का मकान लीज (ठेके) पर लिया था। इसके लिए पहले ही उसे तीन लाख रुपए दिए गए थे। लेकिन पिछले कुछ समय से अमरनाथ झा मकान खाली करने के लिए दबाव डाल रहा था। इस पर उदयकांत का कहना था कि मेरे रुपए वापिस कर दो मकान खाली कर दूंगा। इस बात को लेकर करीब 2 से 3 बार झगड़ा हो चुका था। एक दिसम्बर को मकान खाली करना था, लेकिन मकान मालिक ने रुपए नहीं दिए थे। इसी का बदला लेने के लिए एक सािजश के तहत यह आग लगाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि मकान में आग लगाकर मकान मालिक के परिवार ने पहली मंजिल की बाहर से कुंडी लगा दी। इससे पूरा परिवार धुएं की वजह से दम घुटकर मर गया। जबकि मकान की दूसरी मंजिल से मकान मालकिन और उसके बेटी ही सुरक्षित बच पाई। जबकि मकान मालिक समेत चार भी अपनी आग में झुलसकर मर गए।
किराड़ी की आग : कब क्या हुआ
- 12:05- पर रात को पीसीआर कॉल 12:15-पर पूजा और उसकी दो बेटियों को पड़ोसियों ने छत से निकाला
- 12:35-पर दमकल की गाडिय़ां मौके पर पहुंची 1:20-पर दमकल ने आग पर काबू किया
- 1:30-पर दमकल के दो कर्मी बिल्डिंग में घुसे
- 1:45- पर पहली मंजिल का दरवाजा तोड़कर पांच शवों को निकला
- 2:00-दूसरी मंजिल पर पहुंचे, सिलेंडर ब्लास्ट हुआ,जिसमें वे भी घायल हुए
- 2.20- पर दूसरी मंजिल पर तीन महिलाओं के शवों को बाहर निकलवाया
- 2.35- पर दूसरी मंजिल के टायलेट से मकान मालिक का शव निकाला
- 3:00- रात तीन बजे बिल्डिंग की दोबारा चेकिंग शुरू की
- 4:30-दमकल ने बिल्डिंग में कोई व्यक्ति नहीं होने की बात बताई