भारत में क्यों मिली स्पूतनिक V को मंजूरी, कितनी होगी कीमत...यहां जानिए हर सवाल का जवाब

Edited By Seema Sharma,Updated: 20 Apr, 2021 02:41 PM

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कोरोना के खिलाफ भारत की जंग जारी है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच देश में तेजी से वैक्सीनेशन भी हो रहा है। भारत में फिलहाल सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया और ऑक्सफ़र्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लोगों को दी जा रही है, वहीं...

नेशनल डेस्क: कोरोना के खिलाफ भारत की जंग जारी है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच देश में तेजी से वैक्सीनेशन भी हो रहा है। भारत में फिलहाल सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया और ऑक्सफ़र्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लोगों को दी जा रही है, वहीं जल्द ही भारत को रूसी वैक्सीन स्पुतनिक V भी मिलने वाली है, जिससे कोरोना के खिलाफ अभियान में तेजी आएगी। स्पूतनिक V को गामेलेया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इपिडेमोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने तैयार किया है। 

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स्पूतनिक V को इस्तेमाल करने वाला भारत 60वां देश
स्पूतनिक V को मंजूरी देने वाला भारत 60वां देश है। इससे पहले सर्बिया, अर्जेंटीना, वॉलिविया समेत कई देश पहले ही मंजूरी दे चुके हैं। बता दें भारत अभी 45 साल से ऊपर वालों को कोविशील्ड कोवैक्सीन की डोज दी जा रही हैं। भारत सरकार ने ऐलान किया है कि 1 मई से 18 साल से ऊपर वालों को भी वैक्सीन दी जाएगी।

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स्पूतनिक V से जुड़े कई सवाल होंगे जिनके बारे में हर कोई जानना चाहेगा, तो यहां हम इस रूसी वैक्सीन के बारे में बताने जा रहे है कि इसे किसने बनाया है और इसकी कितनी डोज लोगों को दी जाएगी।

 

किसने तैयार की वैक्सीन?
स्पूतनिक V को गामेलेया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इपिडेमोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने तैयार किया है। V अंग्रेजी वर्णमाला का अक्षर है न कि रोमन का नंबर पांच। इसे अगस्त 2020 में रूस में Gam-COVID-Vac के रूप में पंजीकृत किया गया था। स्पूतनिक V में कोल्ड-टाइप वायरस वेक्टर का इस्तेमाल किया जाता है। स्पूतनिक वी का प्रभाव 92 प्रतिशत है। इसे भी तीन हफ्ते के अंतराल पर दो डोज में दिया जाता है। इसे भी 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जा सकता है। 

 

स्पूतनिक V दूसरी कोरोना वैक्सीन से अलग कैसे?
स्पूतनिक V में कोल्ड-टाइप वायरस वेक्टर का इस्तेमाल किया जाता है। यह वायरस वेक्टर के cells
के अंदर जाती है और उस वायरल को प्रोटीन में बदल देती है। यह वैक्सीन काफी तेजी से असर करती है जबकि अन्य COVID-19 वैक्सीन धीरे-धीरे अपना असर दिखाती हैं।

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कितनी डोज मिलेगी?
कोविशील्ड और कोवैक्सीन की तरह ही लोगों को स्पूतनिक V के भी दो डोज ही दी जाएंगी। स्पूतनिक V की पहली और दूसरी डोज में 21 दिन का गेप होगा। यह मांसपेशियों में लगने वाले इंजेक्शन के जैसे ही है। बता दें कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन को लोगों की बाजू पर लगाया जा रहा है।

 

कितनी असरदार है स्पूतनिक V?
स्पूतनिक वी का प्रभाव 92 प्रतिशत है। यानि कि इसके प्रभाव की efficacy rate 91.5 प्रतिशत है जोकि अमेरिका की कंपनी की मॉडर्ना द्वारा बनाई गई मॉडर्ना वैक्सीन और फाइजर-बायोएनटेक के बाद सबसे ज्यादा प्रभावशाली है। बता दें कि मॉडर्ना का प्रभाव 94.1 प्रतिशत है। जबकि फाइजर-बायोएनटेक 94 प्रतिशत प्रभावशाली है। रूसी न्यूज एजेंसी TASS ने 6 अप्रैल को देश के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको के हवाले से बताया कि स्पूतनिक V का अभी तक 0.1 साइड इफेक्ट सामने आया है। 

 

स्पूतनिक V की कीमत?
अंतराष्ट्रीय मार्कीट में स्पूतनिक V की कीमत करीब $10 (750 रुपए) प्रति डोज है। हालांकि भारत में इसकी कितनी कीमत होगी अभी इसको लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं है। भारत सरकार की अभी वैक्सीन की कीमत को लेकर बातचीत चल रही है।

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स्पूतनिक V को मंजूरी देना क्यों था जरूरी?
भारत इस समय कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। देश में हर दिन लाखों कोरोना केस आ रहे है। वहीं देश के कई राज्यों ने वैक्सीन नहीं होने की भी बात कही है। कई राज्य मोदी सरकार से और वैक्सीन मांग रहे हैं। ऐसे में स्पूतनिक V को भारत में मंजूरी देना जरूरी हो गया था जिससे देश में कोरोना वैक्सीन की कमी को पूरा किया जा सके। बता दें कि भारत को जल्द ही स्पूतनिक V की 10 करोड़ डोज मिलेगी।

 

कौन करेगा इसका उत्पादन?
भारत में इसका परीक्षण डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ मिलकर किया गया और इसकी 250 मिलियन डोज भारत को दी जाएगी।  रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) आरडीआईएफ ने भारत में 850 मिलियन से अधिक स्पुतनिक वी खुराक का उत्पादन करने के लिए 5 कंपनियों- ग्लैंड फार्मा, हेटेरो बायोफार्मा, स्टेलिस बायोफार्मा, विरचो बायोटेक और पैनासिया बायोटेक के साथ मिलकर विनिर्माण समझौते किए हैं। डॉ. रेड्डीज और RDIF ने स्पूतनिक V के क्लीनिकल परीक्षण के लिए सितंबर 2020 में समझौता किया था। साथ ही भारत में दस करोड़ टीका वितरण का भी कंपनी के साथ समझौता हुआ था।

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अभी इन देशों में हो रहा इस्तेमाल
स्पूतनिक V का इस्तेमाल रूस के अलावा अभी अर्जेंटीना, बहरीन, मिस्र, हंगरी, ईरान, जॉर्डन, मॉरीशस, मैक्सिको, मोरक्को, पाकिस्तान, पनामा, फिलीपींस, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात और वियतनाम में हो रहा है।

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