Edited By Seema Sharma,Updated: 16 May, 2018 09:08 AM
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। भाजपा जहां 104 सीटें जीत कर पूर्ण बहुमत की दहलीज से 8 कदम दूर रह गई, वहीं कांग्रेस को 78 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। जनता दल (एस) 38 सीटें जीत कर किंग मेकर की भूमिका में आ गई है।
बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। भाजपा जहां 104 सीटें जीत कर पूर्ण बहुमत की दहलीज से 8 कदम दूर रह गई, वहीं कांग्रेस को 78 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। जनता दल (एस) 38 सीटें जीत कर किंग मेकर की भूमिका में आ गई है। मणिपुर, गोवा और नागालैंड की तर्ज पर कर्नाटक में भी बहुमत का जादुई आंकड़ा जुटाने के लिए जोड़-तोड़ शुरू हो गया है। बड़ा दाव खेलते हुए कांग्रेस ने जनता दल (एस) को बिना शर्त समर्थन दे दिया है।
इसी बीच भाजपा की तरफ से येद्दियुरप्पा ने राज्यपाल से मिल कर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है और बहुमत सिद्ध करने के लिए 2 दिन का समय मांगा है, जबकि इसके तुरंत बाद जद (एस) नेता कुमारस्वामी ने राज्यपाल से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। अब गेंद राज्यपाल के पाले में है कि वह अपने विवेक से किसे सरकार बनाने का न्यौता देते हैं। वहीं एक बार फिर से पीएम मोदी के जादू ने कर्नाटक में पूरी तस्वीर बदल कर रख दी। कांग्रेस और भाजपा ने राज्य में पूरी ताकत झोंक दीं।
किसने कितना लगाया दम
मोदी ने लगा दिया था पूरा जोर
- 21 रैलियां कीं
- 169 सीटें कवर कीं
- 83 जीतीं
2 बार नमो एप से मुखातिब हुए। करीब 29 हजार किलोमीटर की दूरी तय की।
भाजपा ने प्रचार में उतारी थी नेताओं की फौज
- 40 केंद्रीय मंत्रियों ने पूरे कर्नाटक में किया धुआंधार प्रचार।
- 500 सांसद-विधायक भी उतरे थे चुनाव प्रचार में।
- 10 मुख्यमंत्रियों ने भी कर्नाटक में पार्टी के पक्ष में किया प्रचार।
भाजपा नेताओं ने 50 से ज्यादा रोड शो किए। 400 से ज्यादा रैलियां कीं जिसने भाजपा को बहुमत के करीब पहुंचाया।
राहुल ने भी नहीं छोड़ी थी कोई कसर
- 47 रैलियां की
- 109 सीटें कवर कीं
- 44 जीतीं
राहुल 40 रोड शो व नुक्कड़ सभाएं कीं। 55 हजार कि.मी. की यात्रा की।
अमित शाह ने भी झोंक दी थी ताकत
- 27 रैलियां कीं
- 26 रोड शो
- 50 यात्रा