Edited By vasudha,Updated: 05 Dec, 2018 10:23 PM
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में कथित घोटाले मामले में बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल अहम कड़ी साबित हो सकता है। उम्मीद की जा रही है कि उसके जरिये सौदे में हुये पैसे के लेनदेन के बारे में कुछ अहम सुराग हाथ लग सकते हैं। जिनकी जांच एजेंसियां लंबे समय...
नेशनल डेस्क: अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में कथित घोटाले मामले में बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल अहम कड़ी साबित हो सकता है। उम्मीद की जा रही है कि उसके जरिये सौदे में हुये पैसे के लेनदेन के बारे में कुछ अहम सुराग हाथ लग सकते हैं। जिनकी जांच एजेंसियां लंबे समय से तलाश कर रही हैं।
1999 में हेलीकॉप्टर सौदे का रखा गया प्रस्ताव
- एमआई-8एस हेलीकॉप्टर का विकल्प तलाशने के लिये 1999 में 3,600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे के प्रस्ताव पर काम शुरू किया गया था।
- अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली तत्कालीन राजग सरकार ने मार्च 2002 में 12 वीवीआई हेलीकॉप्टर के अधिग्रहण के लिये अनुरोध प्रस्ताव मंगाये थे।
- चार कंपनियों ने इसमें रुचि दिखाई थी। तकनीकी मूल्यांकन समिति ने तीन कंपनियों का चयन किया था।
- अगस्ता की प्रतिद्वंद्वी कंपनी ईएच101 ने मूल्यांकन में नही भाग लिया क्योंकि वह 6000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने के लिये प्रमाणित नहीं था।
- उड़ान की जांच परख के बाद फ्रांस के यूरोकॉप्टर के ईसी-225 को सरकार की ओर से अधिग्रहण के लिये उपयुक्त पाया गया।
यूपीए ने 2010 में किया समझौता
- वाजपेयी के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में 19 नवंबर, 2003 को एक बैठक हुई।
- इस बैठक में कहा गया की वीवीआईपी मुश्किल से ही 6,000 मीटर की ऊंचाई पर हेलिकाप्टर की यात्रा करते हैं इसलिये इस सीमा को घटाकर 4500 मीटर किया जाना चाहिये। इससे कंपनियों के चयन में पर्याप्त विकल्प मिल सकते हैं।
- इस दौरान वायुसेना प्रमुख को प्रधान सचिव की ओर से एक कड़ा पत्र भी लिखा गया जिसमें कहा गया कि वीवीआईपी हेलिकाप्टर के लिये मानदंड तय करते समय प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात एसपीजी से सलाह मशविरा नहीं किया गया।
- इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व वाली सप्रंग सरकार ने 2010 में हेलीकॉप्टर सौदे के लिये समझौते पर हस्ताक्षर किये।
- उड़ान सीमा को कम करना ही इस सौदे में भ्रष्टाचार का प्राथमिक आरोप बना।
- सप्रंग सरकार ने दूसरा प्रस्ताव पेश किया, जिसमें तीन कंपनियों ने रुचि दिखाई थी। बाद में अमेरिका की सिकोरस्काई और ब्रिटेन की अगस्ता वेस्टलैंड ही दौड़ में रह गयी।
- उड़ान परीक्षण के बाद अगस्ता वेस्टलैंड का चयन किया गया।
क्या है आरोप
- सीबीआई ने दावा किया कि भारतीय वायुसेना के तत्कालीन प्रमुख एसपी त्यागी ने उड़ान भरने की ऊंचाई को 6000 मीटर से घटाकर 4500 मीटर करने में अहम भूमिका निभाई, जिसके चलते अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में बनी रहे।
- उसने दावा किया कि वायुसेना ने इस सीमा बदलने का विरोध किया था लेकिन जब त्यागी वायुसेना प्रमुख बने तो उन्होंने इसकी सिफारिश की।
- एजेंसी के मुताबिक, फिनमेकेनिका और अगस्ता वेस्टलैंड के शीर्ष अधिकारियों के इशारों पर मिशेल समेत तीन बिचौलियों की मदद से त्यागी और उनके रिश्तेदारों राजीव, संदीप और जूली को कथित रूप से रिश्वत दी गयी थी।
- क्रिश्चियन माइकल इस सौदे में शामिल तीन बिचौलियों में से एक है। इसके अलावा ग्यूडो हैशके और कार्लो गेरोसा है।
- मिशेल ने आरोप लगाया कि सीबीआई टीम चाहती है कि इस मामले में वह गांधी परिवार का नाम ले। हालांकि, एजेंसी ने इस आरोप को खारिज किया है।
2012 में मिशेल हो गया था फरार
- सीबीआई ने पिछले साल दाखिल अपने आरोप पत्र में त्यागी और उनके भतीजों, भारतीय बिचौलियों और कंपनियों को भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इसके अलावा पांच अन्य विदेशियों का भी नाम इसमें शामिल किया गया था।
- सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि 2012 में मामला दर्ज होने के बाद मिशेल भारत से फरार हो गया था और जांच में सहयोग नहीं कर रहा था।
- दिल्ली की एक विशेष अदालत द्वारा गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद 2015 में इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था, जिसके बाद दुबई में फरवरी 2017 में मिशेल को गिरफ्तार किया गया था।
- दुबई की एक अदालत द्वारा मिशेल के प्रत्यर्पण की मंजूरी दिये जाने के बाद संयुक्त अरब अमीरात सरकार ने भी मंजूरी दे दी, जिसके बाद सीबीआई की टीम उसे वापस भारत लायी है।