जानें वो कौन-से 101 उत्पाद हैं, जिन पर रक्षा मंत्रालय ने लगाया आयात प्रतिबंध

Edited By Yaspal,Updated: 09 Aug, 2020 07:27 PM

know which are the 101 products

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय अब ''आत्मनिर्भर भारत'' की पहल को आगे बढ़ाते हुए 101 से अधिक वस्तुओं पर आयात प्रतिबंध लगाएगा, ताकि रक्षा उत्पादन के...

नई दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय अब 'आत्मनिर्भर भारत' की पहल को आगे बढ़ाते हुए 101 से अधिक वस्तुओं पर आयात प्रतिबंध लगाएगा, ताकि रक्षा उत्पादन के स्वदेशीकरण को बढ़ावा दिया जा सके।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने की एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए 101 हथियारों और सैन्य उपकरणों के आयात पर 2024 तक के लिए रोक लगाने की रविवार को घोषणा की। इन उपकरणों में हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, मालवाहक विमान, पारंपरिक पनडुब्बियां और क्रूज मिसाइल शामिल हैं। सिंह ने ट्विटर पर इसकी घोषणा करते हुए अनुमान लगाया कि इन निर्णय से अगले पांच से सात साल में घरेलू रक्षा उद्योग को करीब चार लाख करोड़ रुपये के ठेके मिलेंगे। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत' आह्वान को आगे बढ़ाते हुए घरेलू रक्षा विनिर्माण को तेज करने के लिये अब बड़े कदम उठाने को तैयार है।
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101 वस्तुओं की सूची में टोएड आर्टिलरी बंदूकें, कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, क्रूज मिसाइलें, अपतटीय गश्ती जहाज, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, अगली पीढ़ी के मिसाइल पोत, फ्लोटिंग डॉक, पनडुब्बी रोधी रॉकेट लांचर और कम दूरी के समुद्री टोही विमान शामिल हैं। सूची में बुनियादी प्रशिक्षण विमान, हल्के रॉकेट लांचर, मल्टी बैरल रॉकेट लांचर, मिसाइल डेस्ट्रॉयर, जहाजों के लिए सोनार प्रणाली, रॉकेट, दृश्यता की सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें अस्त्र-एमके 1, हल्के मशीन गन व आर्टिलरी गोला बारूद (155 एमएम) और जहाजों पर लगने वाली मध्यम श्रेणी की बंदूकें भी शामिल हैं।
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सूची की घोषणा के पीछे का उद्देश्य सशस्त्र बलों की प्रत्याशित आवश्यकताओं के बारे में भारतीय रक्षा उद्योग को अवगत कराना है, ताकि वे स्वदेशीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये बेहतर रूप से तैयार हो सकें।" रक्षा मंत्री ने कहा कि मंत्रालय ने तीनों सेनाओं, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों, आयुध कारखाना बोर्ड और निजी उद्योगों सहित सभी संबंधित पक्षों के साथ कई दौर की बातचीत के बाद यह सूची तैयार की है। सूची में पहिये वाले बख्तरबंद लड़ाकू वाहन (एएफवी) भी शामिल हैं।
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नौसेना करीब 42 हजार करोड़ रुपये की लागत से छह ऐसी पनडुब्बियों के अनुबंध दे सकती है। वायु सेना के लिये हल्के लड़ाकू विमान एमके 1ए को सूची में शामिल करने का निर्णय लिया गया है, जिनके लिए अमल की सांकेतिक तारीख दिसंबर 2020 होगी। वायु सेना के द्वारा 85 हजार करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत पर 123 ऐसे विमानों के अनुबंध दिए जाने के अनुमान हैं।''
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69 वस्तुओं पर आयात प्रतिबंध दिसंबर 2020 से लागू होगा, जबकि अन्य 11 वस्तुओं पर प्रतिबंध दिसंबर 2021 से लागू होगा। दिसंबर 2022 से आयात प्रतिबंधों के लिए चार वस्तुओं की एक अलग सूची की पहचान की गई है, जबकि आठ वस्तुओं के दो अलग-अलग खंडों पर प्रतिबंध दिसंबर 2023 और दिसंबर 2024 से लागू होगा। लंबी दूरी के लैंड अटैक क्रूज मिसाइलों पर आयात प्रतिबंध दिसंबर 2025 से लागू होगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि संबंधित पक्षों के साथ परामर्श के आधार पर आगे भी ऐसे सामानों की सूची बनाई जाएगी, जिनके आयात पर रोक लगाने की जरूरत होगी।

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