राज्यसभा उपसभापति चुनाव:  जानिए, कौन है हरिवंश जिनके सिर सजा जीत का ताज

Edited By vasudha,Updated: 09 Aug, 2018 12:13 PM

know who is the harivansh whose win the election

राज्यसभा के उपसभापति पद के चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के हरिवंश नारायण सिंह ने अपने नाम जीत दर्ज करवा ली है। वीरवार सुबह हुई वोटिंग में हरिवंश को 125 वोट मिले जबकि विपक्ष के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को 105 वोट मिले...

नेशनल डेस्क: राज्यसभा के उपसभापति पद के चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के हरिवंश नारायण सिंह ने अपने नाम जीत दर्ज करवा ली है। वीरवार सुबह हुई वोटिंग में हरिवंश को 125 वोट मिले जबकि विपक्ष के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को 105 वोट मिले। हालांकि इस चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष ने अपनी-अपनी रणनीति बनाई थी लेकिन मोदी सरकार ने कांग्रेस का गेम बिगाड़ दिया। दरअसल जेडीयू के सांसद हरिवंश को लेकर भाजपा ने मास्टर स्ट्रोक खेला था जिसमें वह कामयाब भी रही। विपक्ष को मात देने के साथ-साथ पार्टी ने यह भी संदेश दे दिया कि उसके और जेडीयू के बीच सब कुछ सही है। जानिए कौन है हरिवंश जिनके सिर पर सजा जीत का ताज:-
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दो दशक तक पत्रकारिता में दी अपनी सेवाएं 
हरिवंश नारायण सिंह का जन्म 30 जून 1956 को बलिया जिले के सिताबदियारा गांव में हुआ था। उन्होंने 1976 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए और 1977 में बीएचयू से ही पत्रकारिता में डिप्लोमा की पढ़ाई की और अपने कैरियर की शुरुआत टाइम्स समूह से की। इसके बाद हरिवंश ने कई प्रसिद्ध पत्रिकाओं में काम किया। इसके बाद वे 90 के दशक में बिहार के बड़े मीडिया समूह से जुड़े जहां उन्होंने दो दशक तक अपनी सेवाएं दी।

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नीतीश कुमार के हैं करीबी 
अपने कार्यकाल के दौरान हरिवंश ने बिहार के ज्वलंत विषयों और आर्थिक रुप से कमजोर बिहार की तस्वीर सरकार के सामने रखी। इसी दौरान वह नीतीश कुमार के करीब आए इसके बाद हरिवंश को जेडीयू का महासचिव बना दिया गया। साल 2014 में जेडीयू ने हरिवंश को राज्यसभा के लिए नामांकित किया और इस तरह से हरिवंश पहली बार संसद तक पहुंचे।
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पूर्व पीएम चंद्रशेखर के रह चुके हैं सलाहकार 
हरिवंश ने वर्ष 1990-91 के कुछ महीनों तक तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के अतिरिक्त सूचना सलाहकार (संयुक्त सचिव) के रूप में प्रधानमंत्री कार्यालय में भी काम किया। नब्बे के दशक में ही उन्होंने बिहार की स्थिति को केंद्र के सामने रखने के लिए दिल्ली में दस्तक दी। कहा जाता है कि दिल्ली से लेकर पटना तक नीतीश कुमार की बेहतर छवि बनाने में भी उनका खास योगदान रहा। दरअसल हरिवंश राजपूत जाति से आते हैं एनडीए उनके सहारे राजपूत वोट बैंक को अपना ओर खींचने की कोशिश में है। इसके साथ ही हरिवंश की साफ छवि होने के कारण भाजपा को किसी भी विरोध का सामना नहीं करना पड़ेगा। 

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