Kolkata Doctor case: कोलकाता रेप-मर्डर केस के आरोपी का होगा पॉलीग्राफ टेस्ट, CBI को कोर्ट से मिली इजाजत

Edited By rajesh kumar,Updated: 19 Aug, 2024 05:52 PM

kolkata rape murder case accused to undergo polygraph test

कोलकाता में हुए रेप और मर्डर केस में सीबीआई को मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की मंजूरी मिल गई है। इससे पहले, सीबीआई ने आरोपी का मनोवैज्ञानिक टेस्ट भी कराया था।

नेशनल डेस्क: कोलकाता में हुए रेप और मर्डर केस में सीबीआई को मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की मंजूरी मिल गई है। इससे पहले, सीबीआई ने आरोपी का मनोवैज्ञानिक टेस्ट भी कराया था। अब पॉलीग्राफी टेस्ट से यह जानने की कोशिश की जाएगी कि आरोपी ने कितनी सच्चाई बताई है और कितनी बातें झूठी हैं। इसके अलावा, सीबीआई अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का भी पॉलीग्राफी टेस्ट कराना चाहती है।

कौन है संजय रॉय और क्यों हो रही है जांच?
संजय रॉय इस केस का मुख्य आरोपी है, जिसे पुलिस ने घटना के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले की जांच अब सीबीआई के हाथों में है, जो विभिन्न स्तरों पर जांच कर रही है। पहले मनोवैज्ञानिक टेस्ट में यह जानने की कोशिश की गई थी कि संजय रॉय मानसिक रूप से स्वस्थ है या नहीं। अब पॉलीग्राफी टेस्ट के जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि क्या उसने यह अपराध अकेले किया या फिर उसके दावों में कुछ और सच्चाई छिपी है।

जानिए पूरा मामला?
यह दर्दनाक घटना 9 अगस्त की है, जब कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर का रेप कर उसकी हत्या कर दी गई थी। पीड़िता का शव अगले दिन अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि पीड़िता के शरीर पर 14 गंभीर चोट के निशान थे और उसकी मौत गला घोंटने से हुई थी।

कोलकाता पुलिस ने संजय रॉय को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया था, क्योंकि उसे उस इमारत में जाते हुए देखा गया था जहां यह घटना हुई थी। इस घटना के बाद पूरे देश में डॉक्टर समुदाय में भारी रोष है, और वे लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वे सरकार से एक सख्त कानून बनाने की मांग कर रहे हैं, जिससे डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

क्या होता है पॉलीग्राफ टेस्ट?
पॉलीग्राफ टेस्ट, जिसे आमतौर पर लाई डिटेक्टर टेस्ट भी कहा जाता है, एक वैज्ञानिक परीक्षण है जिसका उपयोग यह जानने के लिए किया जाता है कि कोई व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ। इस टेस्ट में व्यक्ति की शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है जब उससे सवाल पूछे जाते हैं।

काम कैसे करता है पॉलीग्राफ टेस्ट?
जब कोई व्यक्ति सच बोलता है, तो उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाएं सामान्य रहती हैं। लेकिन अगर वह झूठ बोल रहा होता है, तो उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाएं बदल जाती हैं, जैसे दिल की धड़कन तेज हो जाती है, ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, और पसीना आने लगता है। पॉलीग्राफ मशीन इन सभी बदलावों को रिकॉर्ड करती है।
 

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