Edited By Tanuja,Updated: 23 Jul, 2020 12:42 PM
कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान सरकार ने अब नया खेल खेलने की कोशिश कर रही है। पाक सरकार नो नया ड्रामा करते हुए अब ...
इस्लामाबाद: कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान सरकार अब नया खेल खेलने की कोशिश कर रही है लेकिन अंतरराष्ट्रीय अदालत ने दो टूक जवाब देकर पाक का मुंह बंद कर दिया है। पाक सरकार ने नया ड्रामा करते हुए अब इस्लामाबाद हाईकोर्ट में एक नई याचिका दायर की है जिसमें कोर्ट से जाधव को कानूनी प्रतिनिधि (वकील) की नियुक्ति करने की मांग की है। पाकिस्तान का अध्यादेश समाप्त होने के कई दिनों बाद इमरान खान सरकार ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में कुलभूषण केस में समीक्षा और पुनर्विचार के लिए दाखिल 6 पेज की इस याचिका में मांग की है कि इस केस के लिए एक वकील नियुक्त किया जाए।
पाकिस्तान ने भारत सरकार से नहीं किया विचार
संघीय अध्यादेश के तहत इस मामले में अर्जी देने से पहले पाकिस्तान के कानून एवं न्याय मंत्रालय ने भारत सरकार सहित मुख्य पक्षों से विचार नहीं किया। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने अपनी अर्जी में अदालत से अनुरोध किया है कि वह जाधव के लिए एक वकील की नियुक्ति कर दे ताकि पाकिस्तान अंतराष्ट्रीय अदालत के फैसले को लागू करने की अपनी जिम्मेदारी पूरी कर सके। भारतीय नौसेना के सेवानिवृत 50 वर्षीय अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के कथित मामले में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी।
पाक ने नहीं माना ICJ का आदेश
भारत इस मामले को अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) ले गया और वहां जाधव को राजनयिक पहुंच नहीं दिए जाने और मौत की सजा को चुनौती दी थी। हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत ने जुलाई 2019 में अपने फैसले में कहा कि पाकिस्तान जाधव को दोषी करार दिए जाने और उसकी सजा पर प्रभावी तरीके से विचार करे और बिना किसी देरी के भारत को राजनयिक पहुंच दे।
जाधव ने फैसले के खिलाफ याचिका से किया इंकार
पाकिस्तान ने इस संदर्भ में 20 मई को एक अध्यादेश पारित किया जिसके तहत, अध्यादेश आने से 60 दिन के भीतर सैन्य अदालत के फैसले को एक आवेदन देकर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है। पाकिस्तान सरकार का दावा है कि जाधव ने अपने फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने से इनकार कर दिया है।
ICJ ने कहा -फैसला अंतिम
इसी बीच इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने अंतरराष्ट्रीय चैनल WION के एक सवाल कि भारत या पाकिस्तान किसी ने भी 2019 के फैसले पर कोर्ट को अप्रोच किया है तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘कोर्ट का फैसला बाध्य है, अंतिम है और इसके खिलाफ अपील नहीं हो सकती’। बता दें कि इस केस में पिछले साल भारत सरकार को इंटरनेशनल कोर्ट में उस वक्त बड़ी कूटनीतिक जीत मिली थी जब कोर्ट ने पाकिस्तान से कहा था कि, ‘विएना समझौते के काउंसलर रिलेशंस पर आर्टिकल 36 के तहत कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस की सुविधा दी जानी चाहिए। ’