Edited By Seema Sharma,Updated: 18 Jul, 2019 01:08 PM
सरकार ने कहा है कि वह पाकिस्तान द्वारा अवैध तरीके से हिरासत में रखे गए भारतीय कुलभूषण जाधव को रिहा कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। साथ ही उसने पाकिस्तान से जाधव को रिहा कर भारत भेजने का अनुरोध भी दोहराया है।
नई दिल्लीः सरकार ने कहा है कि वह पाकिस्तान द्वारा अवैध तरीके से हिरासत में रखे गए भारतीय कुलभूषण जाधव को रिहा कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। साथ ही उसने पाकिस्तान से जाधव को रिहा कर भारत भेजने का अनुरोध भी दोहराया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को संसद के दोनों सदनों को जाधव के बारे में ‘द हेग' स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्याय अदालत के फैसले से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि अदालत ने पाकिस्तान से जाधव को सुनाई गई फांसी की सजा पर प्रभावी तरीके से फिर से विचार करने और उन्हें राजनयिक पहुंच प्रदान करने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा है कि पाकिस्तान ने विएना समझौते का उल्लंघन किया है और अब उसे अविलंब जाधव को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी देते हुए उन्हें राजनयिक पहंच प्रदान करनी चाहिए।
सदन में जयशंकर का जवाब
- वर्ष 2017 में सरकार ने संसद में वचनबद्धता व्यक्त की थी कि वह जाधव के हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी। इसके लिए अंतर्रष्ट्रीय न्यायालय में उनकी रिहायी के लिए कानूनी तरीके से अथक प्रयास किए गए।
- अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले से इस मामले में न केवल भारत और जाधव की प्रमाणिकता सिद्ध हुई है बल्कि इससे कानून व्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय संधियों में भरोसा करने वाले लोगों का विश्वास भी बढ़ा है।
- इस मामले में भारत की ओर से पैरवी करने वाली पूरी विधि टीम की सराहना की बल्कि पूर्व सोलिसीटर जनरल हरीश साल्वे की विशेष रूप से प्रशंसा की जिन्होंने नाम मात्र की फीस पर भारत का पक्ष रखा।
- मुझे यकीन है इस ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करने में पूरा सदन मेरा साथ देगा। इस मुद्दे पर मैं जो भावनाएं यहां व्यक्त कर रहा हूं वह पूरे सदन और देश की है।
- जाधव निर्दोष हैं और कानूनी प्रतिनिधित्व तथा नियत प्रक्रिया के बिना उनसे जबरन कबूलनामा कराया गया है लेकिन इससे वास्तविकता नहीं बदलेगी।
- सरकार एक बार फिर पाकिस्तान से जाधव को रिहा करने और उन्हें भारत वापस भेजने का आग्रह करती है।
- मुझे पूरा विश्वास है कि सदन जाधव के परिवार के साथ अपनी पुरजोर एकजुटता व्यक्त करने में मेरे साथ है। सरकार उनकी सुरक्षा और देखरेख सुनिश्चित करने और साथ ही यथाशीघ्र उन्हें भारत वापस लाने के लिए कोशिश जारी रखेगी।