कुलभूषण केसः अपने ही बुने जाल में फंस गया पाक, कर गया सेल्फ-गोल

Edited By Tanuja,Updated: 31 Dec, 2018 12:39 PM

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कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्तान का एक गलत कदम उसके लिए भारी पड़ सकता है। दरअसल, पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय अदालत के एक फैसले के पक्ष में वोट किया है

इस्लामाबादः जाते हुए साल 2018 में  कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्तान का एक गलत कदम 2019 में उसके लिए भारी पड़ सकता है। दरअसल, पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय अदालत के एक फैसले के पक्ष में वोट किया है, जिसका संदर्भ भारत ने जाधव के केस में दिया था। ऐसे में जाधव केस में भारत का पक्ष और मजबूत हो सकता है। इसे पाकिस्तान द्वारा जाधव केस में किया गया सेल्फ-गोल माना जा रहा है। यानि अपने ही बुने जाल में पाक खुद फंस गया है।
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ये है पूरा मामला
पाकिस्तान में कथित तौर पर जासूसी के आरोप में मौत की सजा पाए भारतीय नागरिक जाधव को कांसुलर ऐक्सेस न देने के मामले में भारत ने 2004 के अवीना और दूसरे मेक्सिकन नागरिकों के संदर्भ में इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) के फैसले का जिक्र किया था। इस मामले में अमेरिका पर वियना कन्वेंशन का उल्लंघन करना का आरोप साबित हुआ था। उसने मैक्सिको को मौत की सजा पाए अपने नागरिकों तक कांसुलर ऐक्सेस नहीं दी थी। पता चला है कि पाकिस्तान ने पिछले हफ्ते भारत समेत 68 दूसरे देशों के साथ संयुक्त राष्ट्र के उस प्रस्ताव के समर्थन में वोट किया है जिसमें कहा गया है कि ICJ के अवीना जजमेंट को पूर्ण रूप से और तत्काल लागू किया जाए।
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जानें क्या है अवीना केस?
अवीना केस मेक्सिको के 54 नागरिकों को लेकर है, जिन्हें अमेरिका के अलग-अलग राज्यों में मौत की सजा सुनाई गई थी। मेक्सिको ने अमेरिका के खिलाफ जनवरी 2003 में कानूनी कार्यवाही शुरू की। मेक्सिको ने कहा कि उसके नागरिकों को गिरफ्तार कर सुनवाई की गई, दोषी ठहराकर मौत की सजा सुना दी गई, जो वियना कन्वेंशन के आर्टिकल 36 (जाधव केस की तरह) के तहत नहीं है। अमेरिका ने विरोध किया लेकिन कोर्ट ने उसे वियना कन्वेंशन का उल्लंघन करने का दोषी ठहराया। ICJ ने अपने फैसले में कहा था कि अमेरिका को सजा पर फिर से विचार करना चाहिए और मेक्सिको को कांसुलर ऐक्सेस देना चाहिए। वास्तव में, 14 साल के बाद भी अमेरिका ने अब तक ICJ के आदेश को लागू नहीं किया है। बता दें कि ICJ संयुक्त राष्ट्र की मुख्य न्यायिक शाखा है। ICJ में जाधव केस पर फरवरी 2019 में सुनवाई होनी है, जिसने अंतिम फैसला आने तक पाकिस्तान द्वारा जाधव को मौत की सजा देने पर स्टे लगा दिया था।
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पाक की नीयत पर उठा सवाल
 सरकारी सूत्रों के अनुसार अब सवाल यह है कि अगर पाक अवीना जजमेंट को लागू करना चाहता है, जो भारत की पोजिशन का केंद्र बिंदु है तो वह जाधव केस में उसी ICJ रूलिंग को मानने से इंकार क्यों कर रहा है।' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अपनी ही पोजिशन के खिलाफ वोट दे दिया है। इससे पहले वह कहता रहा है कि जाधव केस ICJ के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।गौरतलब है कि जाधव को भारतीय जासूस बताकर पाकिस्तान की अदालत ने मौत की सजा दे दी है। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत को जाधव तक राजनयिक पहुंच की अनुमति नहीं दी।  

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