Edited By Seema Sharma,Updated: 12 Jun, 2020 02:53 PM
मुंबई की एक लैब को कोरोना की गलत रिपोर्ट भेजना महंगा पड़ गया। एक वकील ने खुद की रिपोर्ट गलत आने पर लैबोरेट्री को नोटिस भेेजक कर 99 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग की है। बांद्रा में रहने वाली एडवोकेट वंदना शाह मैट्रिमोनियल वकील हैं। 13 मई को उनका...
नेशनल डेस्कः मुंबई की एक लैब को कोरोना की गलत रिपोर्ट भेजना महंगा पड़ गया। एक वकील ने खुद की रिपोर्ट गलत आने पर लैबोरेट्री को नोटिस भेेजक कर 99 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग की है। बांद्रा में रहने वाली एडवोकेट वंदना शाह मैट्रिमोनियल वकील हैं। 13 मई को उनका कोरोना टेस्ट हुआ था, लैब ने उनकी रिपोर्ट गलत भेज दी और उनको पॉजिटिव बता दिया।
यह है पूरा मामला
वकील वंदना शाह ने एक सर्जरी करवानी थी लेकिन उन्हें उससे कोरोना टेस्ट कराने के लिए बोला गया। 13 मई को लोअर परेल स्थित एक लैब में उनका सैंपल लिया गया और 15 मई को फोन पर उन्हें कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना दी गई। अगले दिन उनके घर के बाहर मार्क लिया दिया गया। इतना ही नहीं बांद्रा वेस्ट में उनके ऑफिस की बिल्डिंग को भी सील कर दिया गया। इसके बाद उनको बताया गया कि उनकी रिपोर्ट को मेल कर दिया गया है। जब वकील ने रिपोर्ट देखी तो हैरान रह गई क्योंकि उन्होंने टेस्ट 13 मई को करवाया था जबकि रिपोर्ट पर 14 मई लिखा गया। उनको शक हुआ तो उन्होंने दूसरे प्राइवेट लैब में टेस्ट कराया। इस बार उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। दूसरी रिपोर्ट पहले टेस्ट के 6 दिनों के अंदर ही आई। वकील न कहा कि यह खौफनाक था। मुझे घर से लेकर ऑफिस तक भेदभाव झेलना पड़ा। पड़ोसियों ने भी मेरे परिवार से दूरी बना ली जैसे कि हम कोई कुष्ठ रोगी हों। हमारे घर को सील कर दिया गया क्योंकि लैब ने अपना काम सही तरीके से नहीं किया।
वकील ने 2 हफ्ते में मांगा जवाब
लैब को भेजे नोटिस में वकील ने लिखा कि भरोसेमंद मरीज को दुर्भावनापूर्ण वजहों से गलत रिपोर्ट भेजे जाने से मैं चिंतित हूं। गलत रिपोर्ट का खामियाजा मरीज को भुगतना पड़ रहा है। इस मामले का निपटारा उपभोक्ता अदालत और हाईकोर्ट में हो सकता है। नोटिस में लैब को 2 हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा गया है। वकील ने नोटिस में लिखा कि उन्हें और उनके परिवार को हुई मानसिक यंत्रणा के एवज में 99 लाख का भुगतान करने की मांग की गई है। इसके साथ ही लैब से माफी मांगने को भी कहा गया है।