भारत का बड़ा कदम: घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स घटक निर्माण के लिए 5 बिलियन डॉलर की योजना शुरू

Edited By Utsav Singh,Updated: 23 Nov, 2024 06:24 PM

launches 5 billion plan for domestic electronics component manufacturing

भारत अब अपनी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों को प्रोत्साहन देने की योजना बना रहा है, ताकि वे स्मार्टफोन से लेकर लैपटॉप जैसे उपकरणों के लिए आवश्यक घटक (components) का निर्माण कर सकें। इस पहल का मुख्य उद्देश्य चीन से आयात पर निर्भरता को कम करना और घरेलू...

नेशनल डेस्क : भारत अब अपनी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों को प्रोत्साहन देने की योजना बना रहा है, ताकि वे स्मार्टफोन से लेकर लैपटॉप जैसे उपकरणों के लिए आवश्यक घटक (components) का निर्माण कर सकें। इस पहल का मुख्य उद्देश्य चीन से आयात पर निर्भरता को कम करना और घरेलू आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करना है। सरकार के अधिकारियों के अनुसार, इस योजना से देश में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को और बढ़ावा मिलेगा।

आयात पर निर्भरता बनी हुई है
भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 2024 में $115 बिलियन तक पहुंच गया है, जो पिछले छह वर्षों में दोगुना हो चुका है। इस तेजी से वृद्धि में वैश्विक कंपनियों जैसे एप्पल और सैमसंग का भी योगदान है। अब भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा स्मार्टफोन आपूर्तिकर्ता बन गया है। हालांकि, इस वृद्धि के बावजूद, भारतीय उद्योग अभी भी मुख्य रूप से चीन और हांगकांग से आयातित घटकों पर निर्भर है, जो 2024 में भारत के $89.8 बिलियन के कुल इलेक्ट्रॉनिक्स आयात का आधे से ज्यादा हिस्सा बनाते हैं।

नई योजना का उद्देश्य ...
भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय द्वारा शुरू की जा रही इस नई योजना में, प्रमुख घटकों जैसे प्रिंटेड सर्किट बोर्ड्स (PCBs) के निर्माण के लिए प्रोत्साहन दिए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना और स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं को गहरा करना है। अधिकारियों के मुताबिक, इस योजना को वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिलते ही अगले दो से तीन महीनों में सार्वजनिक किया जा सकता है।

2030 तक $500 बिलियन का लक्ष्य
भारत का लक्ष्य 2030 तक इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन को $500 बिलियन तक पहुंचाना है, जिसमें $150 बिलियन का योगदान घटक निर्माण का होगा। नीति आयोग के अनुसार, यह योजना भारतीय सरकार की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है, जो देश को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण हब बनाने की दिशा में काम कर रही है।

मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स संघ का समर्थन
इंडिया सैलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) के अध्यक्ष पंकज मोहिंदरू ने इस योजना को समयबद्ध बताते हुए कहा कि इससे घटक निर्माण को बढ़ावा मिलेगा और भारत वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में अपनी पहचान बना सकेगा।

निर्भरता कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
भारत की यह नई पहल उसे वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। इससे न केवल घरेलू आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत किया जाएगा, बल्कि चीन से आयात पर निर्भरता भी घटेगी। हालांकि, इस संबंध में अभी तक इलेक्ट्रॉनिक्स और वित्त मंत्रालयों से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

समग्र आर्थिक दृष्टिकोण
यह कदम भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग की ताकत को बढ़ाने के साथ-साथ उसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे लाने के लिए भी जरूरी है। इसके साथ ही, यह भारत के निर्यात क्षेत्र को भी प्रोत्साहन देगा, जो वैश्विक व्यापार के परिप्रेक्ष्य में देश की उपस्थिति को बढ़ाएगा।

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