गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ में खुलासा, लश्कर हिंसा के लिए लोगों को उकसा रहा है

Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 May, 2018 07:36 PM

let is provoking people for violence

उतर कश्मीर के बारामुला जिला में गत रात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तोयबा के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने चार आतंकियों समेत कुल दस लोगों को गिरफ्तार किया था जिनके साथ पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि उतर कश्मीर में लश्कर हिंसा के लिए लोगों को उकसा रहा...

श्रीनगर : उतर कश्मीर के बारामुला जिला में गत रात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तोयबा के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने चार आतंकियों समेत कुल दस लोगों को गिरफ्तार किया था जिनके साथ पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि उतर कश्मीर में लश्कर हिंसा के लिए लोगों को उकसा रहा है। आतंकी संगठन की नापाक साजिश का खुलासा बारामुला पुलिस द्वारा गत दिनों पकड़े गए लश्कर के चार आतंकियों और नौ ओवरग्राउंड वर्करों से पूछताछ के दौरान हुआ है। पकड़े गए चार आतंकियों में से दो को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के दौरान पकड़ा है। इस दौरान पकड़े गए आतंकियों को पुलिस ने मीडिया के सामने पेश किया।

गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए उत्तरी कश्मीर के डी.आई.जी. ने बताया कि पुलिस ने इस आतंकी संगठन को मदद पहुंचाने वाले छह लोगों को भी गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि हमारे पास इस बात के गंभीर सबूत है कि उत्तरी कश्मीर में आतंकी संगठन लश्कर हिंसा के लिए लोगों को उकसा रहा है। बताया जा रहा है कि इस माडयूल का फरार सरगना सहुैब पिछले साल पासपोर्ट के आधार पाकिस्तान गया था। वहां उसने लश्कर के ट्रेनिंग कैंप में आतंकी ट्रेनिंग ली और वाघा बार्डर के रास्ते वापस बारामुला पहुंचा और फिर वह लश्कर का सक्रिय आतंकी बन गया। उसके साथ एक पाकिस्तानी आतंकी अबु माज जोकि हाजिन व उसके साथ सटे इलाकों में सक्रिय है, के अलावा नदीम उर्फ  ओसामा को स्थानीय लोगों, कुछ राजनीतिक नेताओं व कार्यकर्ताओं की हत्या का जिम्मा सौंपा गया है।

तीन स्थानीय लोगों की हत्या
गौरतलब है कि गत 30 अप्रैल की रात को बारामुला के खानपोरा इलाके में आतंकियों ने तीन युवकों हसीब नबी खान, इरफान अहमद शेख उर्फ  आसिफ  शेख और मोहम्मद असगर उर्फ  फसार खान की हत्या कर दी थी। इन तीन में से दो युवकों को लश्कर ने वर्ष 2016 में एक वीडियो जारी कर मौत के घाट उतारने की धमकी दी थी।

जिन्दा पकड़े गये आतंकी
आज यहां प्रेस कांफ्रैंस में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एस.एस.पी.) बारामुला इम्तियाज हुसैन मीर लश्कर की साजिशों की जानकारी देते हुए बताया कि तीन युवकों की हत्या के बाद हमने बारामुला और इसके साथ सटे सभी इलाकों में विशेष अभियान चलाया। हाजीबल और द्रंगबल पर विशेष निगरानी रखी गई और फिर हमने गत सप्ताह द्रंगबल में एक तलाशी अभियान छेड़ा। जवानों को अपने ठिकाने की तरफ  आते देख आतंकियों ने फायर किया था, इस पर वहां एक मुठभेड़ हुई। लेकिन किसी तरह हमने एक आतंकी को जख्मी हालत मे जिंदा पकड़ा। उसके अन्य साथी वहां से निकलने में कामयाब रहे।
हमने पकड़े गए आतंकी का उपचार कराते हुए आतंकी ठिकाने की तलाशी ली। यह ठिकाना चार आतंकयों द्वारा इस्तमाल हो रहा था। इस ठिकाने से हथियार व अन्य साजो सामान जब्त करने के बाद इसे नष्ट कर दिया गया। अन्य आतंकियों को पकडऩे की कार्रवाई जारी रखी गई। कुछ ही देर में हमने मुठभेड़स्थल से भागे एक अन्य आतंकी बिलाल अहमद नजार उर्फ समीर पुत्र गुलाम अहमद नजार निवासी बंगलाबाग बारामुला को सिख समुदाय के श्मशान घाट के पास हुई एक संक्षिप्त मुठभेड़ में पकड़ा।

कबूल किया अपराध
पूछताछ में इन दोनों आतंकियों ने 30 अप्रैल को हुई तीन युवकों की हत्या में अपनी संलिप्तता कबूल करते हुए बताया कि लश्कर कमांडर का आदेश था। इसके साथ ही इन लोगों ने बताया कि अपने तीन अन्य साथियों सुहैब फारुक अखून उर्फ  अबु हुरैरा पुत्र फारुक अहमद अखून निवासी खानपोराए एजाज अहमद गोजरी उर्फ  अबु उमैर पुत्र अब्दुल रहमान निवासी जामाी मोहल्ला बारामुला और बिलाल अहमद नजार उर्फ समीर पुत्र गुलाम अहमद नजार निवासी बंगलाबाग के नाम बताए। एजाज और बिलाल को भी उनके ठिकानों से पकड़ लिया गया। लेकिन सुहैब फारुक अभी फरार है।

बनाई गई थी साजिश
एस.एस.पी. ने बताया कि बिलाल अहमद नजार ने ही 30 अप्रैल को मारे गए तीन युवकों की निशानदेही करते हुए वारदात के लिए जगह चुनी थी। सुहैब, ऐजाज गोजरी ने उन पर एसाल्ट राइफल से जबकि बिलाल ने पिस्तौल से गोलियां चलाई थी। यह तीनों आतंकी स्थानीय ही हैं और घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने इनको पहचान लिया था। शुरू में इस वारदात में जिस पाकिस्तानी आतंकी के शामिल होने का संदेह थाए वह कोई और नहीं एजाज गोजरी ही निकलाए जो अक्सर अपनी भेषभूषा बदलता रहता है। वारदात में इस्तेमाल सभी हथयार जब्त कर लिए गए हैं। वारदात के बाद यह सभी आतंकी सिल्वर रंग की आल्टो कार जेके01जे.0010 भागे थे। यह कार चिश्ती कालौनी में रहने वाले उजैर अमीन बट पुत्र मोहम्मद अमीन बट ने दी थी। कार को जब्त करते हुए उजैर को भी गिरफतार किया गया है।

सोपोर में भी थे सक्रिय
इम्तियाज हुसैन मीर ने बताया कि इन सभी से जब पूछताछ हुई तो पता चला कि यह लोग सिर्फ  बारामुला में ही नहीं बल्कि सोपोर व उसके साथ सटे इलाककों मं भी सक्रिय हैं। इनसे मिले सुरागों के आधार पर छह ओवरग्राउंड वर्कर और पकड़े गए। इस पूरे माडयूल को नदीम अहमद डार उर्फ अबु ओसामा निवासी नौपुरा कलां सोपोर और सुहैब अखून ही संचालित कर रहे थे। नदीम ही इन आतंकियों को हथियार व ठिकाने उपलब्ध कराने के अलावा हिट आर्डर जारी करता था। उसने ही सोपोर से एक सफेद रंग की सेंट्रो कार में 25 अप्रैल को हथियार व पकड़े गए आतंकियों को बारामुला पहुचांया था। नदीम का सीधा संपर्क पाकिस्तान मे बैठे लश्कर कमांडर हंजुला अदनान से था। उन्होंने बताया कि पकड़े गए सभी आतंकी हाजिन में सक्रिय पाकिस्तानी आतंकी अबु माज के साथ भी जुड़े हुए थे। इन सभी को अपने अपने इलाके में आम लोगों की हत्या करते हुए आतंक का माहौल पैदा करने व नए लडक़ों की भर्ती का जिम्मा मिला हुआ था।
एसएसपी ने बताया कि इन आतंकियों के पकड़े जाने स उत्तरी कश्मीर में बीते कुछ माह से हो रही नागरिक हत्याओं की गुत्थी भी सुलझा ली गई है। उन्होंने बताया कि इन्हीं आतंकियों से पूछताछ के आधार पर एक अन्य आतंकी नसीर अहमद मोची निवासी सोपोर पकड़ा गया है। उसने ही दो दिसंबर 2017और 22 जनवरी 2018 को बारामुला पुलिस स्टेशन पर ग्रेेनेड हमले किए थे। उसने यह हमले एजाज अहमद गोजरी के निर्देश पर किए थे।

हथियार बरामद
उन्होंने बताया कि लश्कर के पकड़े गए आतंकियों और ओवरग्राउंड वर्करों के कब्जे से दो एसाल्ट राइफलें, दो पिस्तौल, चार हथगोले, एसाल्ट राइफल के 50 कारतूस, चार एके मैगजीन और दो पिस्तौल मैगजीन बरामद किए हैं। 


 

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