मजबूत इरादों के साथ मैदान में डटे हैं बर्नी सैंडर्स

Edited By ,Updated: 06 May, 2016 06:12 PM

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अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव के​ लिए मैदान में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के रूप में डटे उम्रदराज बर्नी सैंडर्स के इरादे मजबूत हैं। इस समय 75

अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव के​ लिए मैदान में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के रूप में डटे उम्रदराज बर्नी सैंडर्स के इरादे मजबूत हैं। इस समय 75 साल के हैं। सीनेटर के रूप में यह उनका दूसरा कार्यकाल है। वे वर्ष 2012 में पुन: सीनेटर का चुनाव जीत गए थे। सैंडर्स अमरीका के बड़े शहरों में शामिल वरमाउंट के आठ वर्ष तक मेयर रह चुके हैं। इस समय सात बच्चों के दादा हैं। 

बर्नी सैंडर्स ने आधिकारिक रूप से स्वयं को डेमोक्रटिक उम्मीदवार के रूप में सबके सामने पेश नहीं किया। उन्होने अपने आप को डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट कहा। सैंडर्स राजनीति में लंबे समय से हैं, 1981 से 1989 तक बरलिंगटन के मेयर रहे हैं। फिर वे 1991 से 2007 तक सीनेटर चुने गए,इसके बाद वे पुन: सीनेटर बनने में कामयाब हुए। जब उन्होंने अपना चुनाव अभियान शुरू किया था तो उन्हें प्रतिरोधी उम्मीदवार के रूप में देखा जाता था। लेकिन वे डेमोक्रेटिक पार्टी की उदारवादी इकाई के नेता के रूप में भी जाने जाते थे। मैसाच्युएट्स की सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन ने जब उनके विरोध में मैदान में उतरने का फैसला नहीं लिया तो वे डट गए।

सैंडर्स ने अपनी जिन नीतियों को जनता के सामने रखा है उनमें सभी पब्लिक कॉलेजों में मुफ्त पढ़ाई,सबके लिए मुफ्त चिकित्सा मुख्य रूप से शामिल हैं। इन मुद्दों को उनकी पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने छोड़ दिया था। इनमें सबसे बड़ा वादा उन्होंने जनता के सामने रखा था आर्थिक असमानता को दूर करने का। सैंडर्स ने बढ़ रही आय की असमानता पर भी दुख जताया। उनके इस संदेश ने निकट प्रतिद्वंदी हिलेरी क्लिंटन और उनके बीच अंतर को कम करने में खूब सहायता की। इसे क्लिंटन को हराने के लिए संभव नहीं माना गया, फिर भी इन्हीं नीतियों या वायदों ने प्राइमरी चुनावों में बर्नी सैंडर्स को हैमिस्फायर, वरमाउंट, कोलेरेडो, आॅकलाहोम और मिनीसोटा में विजयी दिलाई।

प्रतिनिधियों की कम होती संख्या, मुश्किल अंतर और शेष बचे 10 राज्यों के बावजूद सैंडर्स ने स्पष्ट कर दिया है कि डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के रूप में नामांकित होने के लिए उनके इरादे बहुुत मजबूत हैं। उन्होंने घोषणा कर दी है कि उनकी प्रतिद्वंदी उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन बाकी प्रतिनिधियों का बहुमत पाने में कामयाब नहीं हो पाएंगी। वे कहते हैं कि वास्तव में हिलेरी के लिए 14 जून तक परंपरागत प्रतिनिधियों का समर्थन प्राप्त करना असंभव है। दूसरे शब्दों में, इस कन्वेशन में मुकाबला अपने ही किस्म का होगा। फिा इसका विजेता जुलाई में फिलाडेल्फिया मे होने वाली कन्वेशन में मौजूदगी दर्ज कराएगा।

बर्नी सैंडर्स के अनुसार वे बड़े—बड़े प्रतिनिधियों का समर्थन जीतने में वह कामयाब हो जाएंगे,ताकि कन्वेशन में अपना स्थान सबसे आगे बनाए रखें। वे कहते हैं​ कि अगर मैं 70 प्रतिशत वोटों से एक राज्य में जीत जाता हूं तो मैं उन बड़े—बड़े प्रतिनिधियों में स्थान बना पाऊंगा। हिलेरी और सैंडर्स में इस समय जो स्थिति बनी हुई है उसके बारे में प्रो—सैंडर्स डेमोक्रेसी फॉर अमेरिका यानि पैक संगठन के कार्यकारी निदेशक चार्ल्स चैंबरलेन सवाल करते हैं​ कि क्या आपस में लड़ी जा रही इस लड़ाई को समाप्त करने के लिए पार्टी सबको एकजुट करेगी अथवा हमें शांत होकर बैठने के लिए कहेगी। सैंडर्स को यदि कुछ पाने की उम्मीद है तो उन्हें क्लिंटन की राह में कांटा बनना पड़ेगा।   

हिलेरी क्लिंटन ने निराशा व्यक्त की है कि सैंडर्स को चुनाव से हट जाना चाहिए। वे बताती हैं कि उन्होंने वर्ष 2008 में ओबामा के समय में यही रवैया नहीं अपनाया था। वह 4 जून को अंतिम वोट पाने तक अपना संघर्ष जारी रखेंगी। उन्हें करीब 18 मिलियन लोगों के वोट की जरुरत है। वह समझती हैं कि इसकी अनदेखी नहीं होगी। उनकी आवाज को सुना जाएगा। उनके अनुसार बड़ी संख्या में लोग पूछ रहे हैं कि हिलेरी क्या चाहती हैं। वे कहती हैं कि वे उन्हीं मुद्दों के लिए लड़ रही हें,जिनके लिए आठ साल पहले संघर्ष कर रही थी। ईराक युद्ध समाप्त होने के बाद उन्हें जितने अनुरोध मिले थेे,उन्हें एक—एक करके पढ़ कर सुनाती हैं।

समझा जा रहा है कि बर्नी सैंडर्स ने अपनी विचारधारा और घोषणाओं ने मजबूत प्लेटफार्म तैयार कर लिया है,जो पहले उनके पास नहीं था। इसे वे प्राइमरी कैलेंडर के अंतिम पांच सप्ताह में इस्तेमाल करेंगे,ताकि ज्यादा से ज्यादा समर्थन जुटा सकें। वे जितने अधिक प्रतिनिधियों का मत पाएंगे वे उनकी शक्ति को जुलाई में फिलेडेल्फिया में उनके प्रभाव को बढ़ाएगा। हालांकि पार्टी कमेटी पर उनका हिलेरी की तुलना में अधिक नियंत्रण नहीं है,फिर भी वे कुल प्रतिनिधियों के अनुपात को प्राप्त करके इन कमेटियों पर भी प्रभ्राव जमा लेंगे। दूसरा रास्ता यह है कि यदि सैंडर्स पिछड़ भी गए तो वे अपने साथ बड़ा समर्थन लेकर सीनेट में लौटेंगे जो उन्हें कभी नहीं मिला। अंतिम रणभूमि कैलिफोर्निया में सजेगी, जहां प्रतिनिधियों की बड़ी संख्या है।

 

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