Edited By Seema Sharma,Updated: 13 Jul, 2020 04:05 PM
राजस्थान में उठे सियासी तूफान के बीच सोमवार को बड़ा उलट-पलट देखने को मिला। अशोक गहलोत के समर्थन में 102 विधायक सीएम आवास पर पहुंचने का दावा किया गया। इतना ही नहीं सीएम अशोक गहलोत ने मीडिया के सामने शक्ति प्रदर्शन भी किया और समर्थकों के साथ विक्ट्री...
नेशनल डेस्कः राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार के स्पष्ट बहुमत होने के दावे के बीच कांग्रेस के असंतुष्ट नेता सचिन पायलट से सुलह की कोशिशें शुरु हो गई हैं। मुख्यमंत्री निवास पर आज विधायक दल की बैठक से पहले गहलोत ने विजय का चिन्ह दिखाते हुए 109 विधायकों के समर्थन का दावा किया। बैठक में 106 विधायक आए थे। करीब दो घंटे चली बैठक के बाद विधायकों को बसों के जरिए होटल ले जाया गया।
गहलोत भी बस में उनके साथ थे। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभालते हुए पायलट और गहलोत से बात की है। यह बताया जा रहा है कि पायलट ने चार शर्तें रखी हैं जिनमें कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष का पद बरकरार रखने के अलावा गृह और वित्त विभाग की मांग की है। पायलट अभी दिल्ली में ही हैं। उन्होंने 25 विधायकों के साथ होने का दावा किया है।
मुख्यमंत्री गहलोत के पास स्पष्ट बहुमत होने के बाद भी सियासी घटनाक्रम और चल सकते हैं। लिहाजा विधायकों को होटल में ठहराया गया है। भाजपा की तरफ से अब तक सरकार गिराने के प्रयासों का कोई संकेत नहीं मिला है, लेकिन आज आयकर विभाग के गहलोत के दो नजदीकी नेताओं के यहां छापेमारी से यह कयास लगाया जा रहा है कि भाजपा भी कहीं न कहीं इस घटनाक्रम में जुड़ी हुई है।
पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफेस में यह आरोप लगाया भी कि आयकर विभाग प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई भाजपा के अग्रिम संगठन हैं तथा आयकर विभाग की कारर्वाई सामने आ चुकी है। उन्होंने पायलट सहित सभी कांग्रेस विधायकों से अपील की कि बातचीत के लिये उनके दरवाजे खुले हैं। उसके बाद से ही यह लग रहा था कि पायलट से सुलह की कोशिशें चल रही हैं।