लॉकडाउन 4.0: देश में अब 3 की जगह होंगे 5 जोन, जानिए क्या है बफर और कंटेनमेंट जोन

Edited By Seema Sharma,Updated: 18 May, 2020 11:21 AM

lockdown 4 0 now 5 zones will be in place of 3 in the country

देशभर में कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन का चौथा चरण लगने के साथ ही  केंद्र सरकार ने देश को अब तीन की जगह पांच जोन में बांटने का फैसला लिया है। अब देश में  रेड जोन, ग्रीन और ऑरेंज जोन के अलावा बफर जोन और कंटेनमेंट जोन शामिल हैं। हालांकि इन दो नए जोन को...

नेशनल डेस्कः देशभर में कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन का चौथा चरण लगने के साथ ही  केंद्र सरकार ने देश को अब तीन की जगह पांच जोन में बांटने का फैसला लिया है। अब देश में  रेड जोन, ग्रीन और ऑरेंज जोन के अलावा बफर जोन और कंटेनमेंट जोन शामिल हैं। हालांकि इन दो नए जोन को लेकर फैसला राज्य सरकारें करेंगी इसको लेकर अभी दिशा-निर्देश जारी होना बाकि है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने किसी भी क्षेत्र को ‘रेड’, ‘ऑरेंज’ या ‘ग्रीन’ जोन घोषित करने के लिए रविवार को मानदंड तय करते हुए कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या, कोविड-19 मामलों के दोगुने होने में लगने वाले समय और प्रति लाख आबादी पर संक्रमित लोगों की संख्या आदि का ध्यान रखा है। इन मानदंडों का पालन करते हुए सभी राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश सोमवार से शुरू हो रहे लॉकडाउन 4.0 के दौरान अपने क्षेत्रों को तीन जोन में बांट सकेंगे। मंत्रालय ने किसी भी स्थान को निषिद्ध क्षेत्र या ‘बफर जोन’ घोषित करने के लिए मानदंड तय किए हैं और उन क्षेत्रों में संक्रमण प्रसार के चेन को तोड़ने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में भी बताया है।

 

बफर और कंटेनमेंट जोन
राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को भेजे गए पत्र में स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने कहा कि राज्य अपने यहां जिलों या निगम क्षेत्रों को हॉट-स्पॉट, रेड, ऑरेंज या ग्रीन जोन में श्रेणीबद्ध कर सकते हैं। यानि कि इन तीन जोनों पर फैसला राज्य सरकारें लेंगी जबकि कंटेनमेंट जोन और बफर जोन का फैसला जिला प्रशासन करेगा। कंटेंनमेंट और बफर जोन में गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए दिशा निर्देश का पालन करना होगा। बफर जोन को लेकर गृहमंत्रालय ने दिशा-निर्देश अभी जारी करने हैं लेकिन कंटेनमेंट जोन को लेकर गृह मंत्रालय की गाइडलाइन बिल्कुल साफ है। कंटेनमेंट जोन में केवल अनिवार्य सेवाएं मिलेंगी। कंटेनमेंट जोन में आने-जाने पर सख्त पाबंदी होगी। कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और घर-घर जाकर स्वास्थ्य जांच होगी। 

 

इन बातों का रखना होगा ध्यान
मंत्रालय ने राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि अपने इलाकों को जोन बांटने से पहले इन बातों का ध्यान रखना होगा-

  • कुल इलाजरत मामले (कितने मरीजों का राज्य में इलाज चल रहा है)
  • प्रति लाख आबादी पर संक्रमित लोगों की संख्या
  • 7 दिन के औसत के अनुसार संक्रमित लोगों की संख्या दोगुनी होने में लगने वाला समय
  • संक्रमण से मृत्यु दर
  •  प्रति लाख आबादी पर जांच की दर
  •  कितने लोग की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है, इसकी दर को ध्यान में रखा जाए। 

 

बता दें कि लॉकडाउन-4 में केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को इस बार काफी अधिकार दिए हैं। हालांकि लॉकडाउन 4.0 के दौरान मेट्रो और प्लेन के संचालन की इजाजत नहीं दी गई है। लिहाजा अब 31 मई तक मेट्रो के चलाने और घरेलू व विदेशी यात्री उड़ानों पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी। घरेलू मेडिकल सेवाओं, घरेलू एयर एंबुलेंस और सुरक्षा व्यवस्था के लिए उड़ानों की इजाजत होगी। देस में कोरोना संक्रमितों की संख्या 96 हजार के पार चली गई है और इस वायरस से तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

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