लॉकडाउन: घर में हिंसा के शिकार हो रहे बच्चे, चाइल्ड हेल्पलाइन पर 11 दिनों में उत्पीड़न के आए 92000 कॉल

Edited By Seema Sharma,Updated: 09 Apr, 2020 10:39 AM

lockdown children at home violence

कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन में सबसे ज्यादा बच्चों पर असर पड़ रहा है। द चाइल्डलाइन इंडिया हेल्पलाइन नंबर पर पिछले 11 दिनों में 92,000 कॉल आईं जिनमें हिंसा तथा उत्पीड़न से बचाने की गुहार लगाई गई है। यह निराशाजनक स्थिति इशारा करती है कि लॉकडाउन के...

नेशनल डेस्कः कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन में सबसे ज्यादा बच्चों पर असर पड़ रहा है। द चाइल्डलाइन इंडिया हेल्पलाइन नंबर पर पिछले 11 दिनों में 92,000 कॉल आईं जिनमें हिंसा तथा उत्पीड़न से बचाने की गुहार लगाई गई है। यह निराशाजनक स्थिति इशारा करती है कि लॉकडाउन के कारण कई महिलाओं के लिए एक तरह से बंधक जैसे हालात बन गए हैं और कई बच्चे भी घर में असुरक्षा की स्थिति में फंस गए हैं। चाइल्डलाइन इंडिया की उपनिदेशक हरलीन वालिया ने बताया कि देश के विभिन्न क्षेत्रों से 20-31 मार्च के बीच ‘चाइल्डलाइन 1098’ पर 3,07 लाख फोन कॉल आए। इनमें से 30 फीसदी कॉल बच्चों से जुड़ी थीं जिनमें हिंसा और उत्पीड़न से बचाव की मांग की गई थी।

 

30 फीसदी कॉल की यह संख्या 92,105 है। वालिया के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 24 मार्च को दिए गए भाषण के बाद 25 मार्च से लॉकडाउन शुरू हुआ जिसके बाद फोन कॉल 50 फीसदी तक बढ़ गए हैं। मंगलवार को यह आंकड़े जिले में स्थित बाल बचाव ईकाइयों के साथ कार्यशाला में साझा किए गए। इस कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया था। कार्यशाला में चर्चा मुख्य रूप से कोरोना वायरस से जुड़े मुद्दों और बंद के दौरान बच्चों में तनाव को कम करने के रास्ते तलाशने पर केंद्रित थी। वालिया ने बैठक में बताया कि चाइल्डलाइन को बंद के दौरान शारीरिक स्वास्थ्य के संबंध में 11 फीसदी कॉल आईं, बाल श्रम के संबंध में 8 फीसदी, लापता और घर से भागे बच्चों के संबंध में 8 फीसदी और बेघर बच्चों के बारे में 5 फीसदी कॉल आईं।

 

इसके अलावा हेल्पलाइन को 1,677 कॉल ऐसी मिलीं जिनमें कोरोना वायरस के संबंध में सवाल किए गए और 237 कॉल में बीमार लोगों के लिए सहायता मांगी गई। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने हाल ही में कहा था कि देशव्यापी बंद के बाद से घरेलू हिंसा की शिकायतें बढ़ रही है और सिर्फ ईमेल के जरिए ही 69 शिकायतें मिलीं।बाल अधिकार इकाईयों ने हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर 1098 को टॉलफ्री नंबर बनाने और कोविड-19 के संकट के मद्देनजर इस नंबर को बच्चों, अभिभावकों या देखभाल करने वालों के लिए आपात नंबर बनाने को कहा था।

Related Story

Trending Topics

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!