Edited By Seema Sharma,Updated: 18 May, 2020 01:53 PM
देशभल में आज से लागू लॉकडाउन 4.0 में केंद्र सरकार ने इस बार राज्य सरकारों को भले ही पहले से ज्यादा अधिकार दिए हैं लेकिन राज्य एक दायर के अंदर रहकर ही फैसले ले पाएंगे। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों को लिख भेजा है कि राहत जरूर दी है लेकिन केंद्र...
नेशनल डेस्कः देशभल में आज से लागू लॉकडाउन 4.0 में केंद्र सरकार ने इस बार राज्य सरकारों को भले ही पहले से ज्यादा अधिकार दिए हैं लेकिन राज्य एक दायर के अंदर रहकर ही फैसले ले पाएंगे। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों को लिख भेजा है कि राहत जरूर दी है लेकिन केंद्र की गाइडलाइंस को याद रखें कि वो पाबंदियों को कम नहीं कर सकते। बता दें कि रविवार शाम को केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 4.0 का ऐलान करते हुए इसकी अवधि 31 मई तक बढ़ा दी है। केंद्र सरकार ने इस बार राज्य सरकारों को अधिकारी दिए हैं कि वे खुद इस बात का फैसला लें कि वे अपने वहां किस तरह की आजादी या छूट लोगों को देना चाहते हैं।
राज्य सरकारें दुकानें खोलने के साथ ही अन्य गतिविधियों के बारे में भी खुद ही फैसला ले सकती है। हालांकि इसके साथ ही गृहमंत्रालय ने यह साफ कर दिया है कि राज्य सरकारें इन निर्णयों के साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस को याद रखे जो केंद्र ने पाबंदिया लगाई हैं वो राज्य सरकारें घटा नहीं सकती हैं। गृह सचिव ने इस संबंध में राज्यों के चीफ सेक्रेटरी को पत्र भी लिखा है और गृहमंत्रालय की गाइंडलाइन के बारे में बता दिया है।
गृहमंत्रालय की गाइडलाइंस
गृह मंत्रालय ने रविवार को राज्यों को निर्देश दिया है कि कोरोना की स्थिति को देखते हुए वो खुद ही जोन का निर्धाकरण करें। साथ ही यह फैसला करे कि दुकानें कैसे खोली जाएंगी और अंतर्राज्यीय परिवहन किस तरह चलाया जाए। हालांकि इसके साथ ही केंद्र ने स्पष्ट कर दिया है कि सिनेमा हॉल, मॉल, धार्मिक स्थल, धार्मिक समागम से लेकर स्कूल-कॉलेज और राजनीतिक आयोजनों समेत तमाम जो पाबंदियां लगाई हैं, उनमें राज्य सरकार चाहकर भी कोई छूट नहीं दे सकती हैं। राज्य सरकारों को इस गाइडलाइन को मानना ही होगा।