लोकसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित, 1952 के बाद हुआ सबसे ज्यादा विधायी कामकाज

Edited By Yaspal,Updated: 06 Aug, 2019 08:19 PM

lok sabha adjourned sine die highest legislative business after 1952

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पास होने के साथ ही 17वीं लोकसभा के पहले सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा को स्थगित करने से पहले स्पीकर ओम बिरला ने 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में हुए कामकाज का उल्लेख...

नेशनल डेस्कः सत्रहवीं लोकसभा का पहला सत्र मंगलवार को संपन्न हो गया जिसमें कुल 37 बैठकें हुईं और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को हटाने एवं राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के संकल्प और विधेयक तथा तीन तलाक विरोधी विधेयक सहित कुल 36 विधेयक पारित हुए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा करते हुए कहा कि यह 1952 से लेकर अब तक का सबसे स्वर्णिम सत्र रहा है। इस सत्र 125 प्रतिशत विधायी उत्पादकता रही। 
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लोकसभा स्पीकर ने कहा, “ राष्ट्रपति के अभिभाषण पर करीब 13 घंटे चर्चा हुई। इस सत्र में तीन तलाक, आरटीआई, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, श्रम संशोधन कानून 2019 जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 17वीं लोकसभा में चुनकर आए 265 नए सदस्यों में से अधिक-से-अधिक नए सदस्यों को बोलने का मौका दिया गया। शून्य काल के दौरान 265 नए सदस्यों में से 229 नए सांसदों को बोलने का मौका दिया गया।
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पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सत्र सात अगस्त तक प्रस्तावित था, लेकिन सरकार के आग्रह पर बिरला ने इसे एक दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। उन्होंने कहा कि 17 जून से छह अगस्त तक चले इस सत्र में कुल 37 बैठकें हुईं और करीब 280 घंटे तक कार्यवाही चली।
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ओम बिरला ने कहा, “17वीं लोकसभा में चुनकर आई हमारी 46 नई महिला सदस्यों में से 42 महिला सदस्यों को शून्य काल में बोलने का मौका दिया गया। उन्होंने कहा कि इस सत्र में जल संकट, बुंदेलखंड क्षेत्र में छुट्टा गोवंश जैसे अहम मुद्दे भी उठाए गए। सदन को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री और सदन के नेता नरेंद्र मोदी, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और विभिन्न दलों के नेताओं को धन्यवाद दिया। 
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गौरतलब है कि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मोदी सरकार बनी। नई सराकर बनने से पहले 16वीं लोकसभा को भंग कर 17वीं लोकसभा का गठन किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने डॉ. वीरेंद्र कुमार को 17वीं लोकसभा में चुनकर आए नए सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए प्रोटेम स्पीकर चुना। 20 जुलाई 2019 को लोकसभा ने सर्वसम्मति से ओम बिरला को लोकसभा का अध्यक्ष चुना।   

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