लोकसभा ने निरसन और संशोधन विधेयक 2019 को दी मंजूरी

Edited By Yaspal,Updated: 30 Jul, 2019 05:29 AM

lok sabha approves the revocation and amendment bill 2019

लोकसभा ने सोमवार को निरसन और संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी दे दी जिसमें सौ से डेढ़ सौ वर्ष तक पुराने 58 अप्रचलित कानूनों को समाप्त करने का प्रावधान किया गया है। विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस के शशि थरूर...

नई दिल्लीः लोकसभा ने सोमवार को निरसन और संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी दे दी जिसमें सौ से डेढ़ सौ वर्ष तक पुराने 58 अप्रचलित कानूनों को समाप्त करने का प्रावधान किया गया है। विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस के शशि थरूर ने विधेयक का समर्थन किया। हालांकि उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार विधेयक को पारित कराने में जल्दबाजी में रहती है।
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थरूर ने कहा कि जो राजद्रोह कानून अंग्रेजों ने भारतीय राष्ट्रवाद को दबाने के लिए बनाया था और जिसे महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, पंडित जवाहरलाल नेहरू और भगत सिंह पर लगाया था, उसे अब तक नहीं बदला गया है। थरूर ने कहा कि इस कानून को अब जेएनयू के छात्रों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ लगाया जा रहा है। इस कानून को क्यों नहीं हटाया जा रहा? उन्होंने यह भी कहा कि वैवाहिक बलात्कार का संरक्षण करने वाले कानून को भी बदला जाना चाहिए।
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इसका जवाब देते हुए विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जो देश को टुकड़े टुकड़े करने की बात कहेगा.... ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी । उन्होंने शशि थरूर से कहा कि इस विषय पर आपके और हमारे विचार अलग अलग हैं। इससे पहले प्रसाद ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से पुराने कानून जो अपनी प्रासंगिकता खो चुके हैं और पुराने हैं... उन्हें समाप्त किया जा रहा है।
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केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद से पिछले पांच वर्षों से अधिक समय में हम ऐसे कई पुराने अप्रचलित कानूनों को समाप्त कर चुके हैं। प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से ऐसे पुराने कानूनों को समाप्त करने की पहल की गई है जो लोगों के लिए असुविधा उत्पन्न करते थे और परेशान करने वाले थे। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।

कौन-कौन से कानून होंगे खत्म

  • लोक लेखापाल चूक अधिनियम 1850
  • रेल यात्री सीमा कर अधिनियम 1892
  • हिमाचल प्रदेश विधानसभा गठन और कार्यवाहियां विधिमान्यकरण अधिनियम 1958
  • हिन्दी साहित्य सम्मेलन संशोधन अधिनियम 1960
  • एलकाक एशडाउन कंपनी लिमिटेड उपक्रमों का अर्जन अधिनियम 1964
  • दिल्ली विश्वविद्यालय संशोधन अधिनियम 2002
  • इनमें धनशोधन निवारण संशोधन अधिनियम 2009
  • केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल संशोधन अधिनियम 2009
  • नागरिक सुरक्षा संशोधन अधिनियम 2011
  • प्रौद्योगिकी संस्थान संशोधन अधिनियम 2012
  • वाणिज्यिक पोत परिवहन दूसरा संशोधन अधिनियम 2014
  • बीमा विधि संशोधन अधिनियम 2015
  • निर्वाचन विधि संशोधन अधिनियम 2016

 

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