जब लाला जगत नारायण जी ने रोका था कांग्रेस का विजय रथ

Edited By Anil dev,Updated: 25 Mar, 2019 11:23 AM

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आजादी के बाद से कांग्रेस जम्मू-पुंछ संसदीय सीट पर अपना वर्चस्व स्थापित किए हुए थी, लेकिन वर्ष 1977 में आपातकाल के बाद हुए लोकसभा चुनाव में पंजाब केसरी-हिन्द समाचार पत्र समूह के संस्थापक अमर शहीद लाला जगत नारायण जी ने जनसंघ नेता रहे अपने मित्र ठाकुर...

जम्मू(नवोदय टाइम्स):  आजादी के बाद से कांग्रेस जम्मू-पुंछ संसदीय सीट पर अपना वर्चस्व स्थापित किए हुए थी, लेकिन वर्ष 1977 में आपातकाल के बाद हुए लोकसभा चुनाव में पंजाब केसरी-हिन्द समाचार पत्र समूह के संस्थापक अमर शहीद लाला जगत नारायण जी ने जनसंघ नेता रहे अपने मित्र ठाकुर बलदेव सिंह जसरोटिया को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतारा। इस चुनाव में लाला जी कांग्रेस के समक्ष चट्टान बन कर अड़ गए और धुआंधार चुनाव प्रचार कर ठाकुर बलदेव सिंह को विजयी करवाया। इस प्रकार 1977 में जम्मू-पुंछ संसदीय सीट पर पहली बार किसी विपक्षी नेता ने अपना खाता खोला था। बेशक निवर्तमान 16वीं लोकसभा में जम्मू-पुंछ संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सांसद जुगल किशोर शर्मा भाजपा से संबंधित हैं, लेकिन इतिहास गवाह है कि अब तक मनोनीत अथवा निर्वाचित हुए 15 लोकसभा सदस्यों में से 11 बार कांग्रेस नेता ही इस सीट का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं।

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विजयी होकर लोकसभा पहुंचे थे कांग्रेस के इंद्रजीत मल्होत्रा 
वर्ष 1967 तक जम्मू-कश्मीर में लोकसभा एवं राज्यसभा सदस्यों के लिए निर्वाचन की बजाय मनोनयन का सिलसिला चल रहा था। 1967 में जब चौथी लोकसभा के लिए चुनाव हुआ तो कांग्रेस के इंद्रजीत मल्होत्रा विजयी होकर लोकसभा पहुंचे। 1972 में 5वीं लोकसभा के लिए लोगों ने फिर से इंद्रजीत मल्होत्रा का चयन किया। वर्ष 1977 में जनसंघ ने जब अपने वरिष्ठ नेता ठाकुर बलदेव सिंह जसरोटिया को टिकट नहीं दिया तो अमर शहीद लाला जगत नारायण जी ने उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरने के लिए प्रेरित किया। उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल को लेकर लोगों की नाराजगी और जम्मू-पुंछ संसदीय क्षेत्र के चुनाव प्रचार में अमर शहीद लाला जगत नारायण जी के कूद जाने से परिस्थितियां पूरी तरह बदल गईं। 

 

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चुनाव में लाला जी ने की थी दिन-रात मेहनत
इस चुनाव में लाला जी ने दिन-रात मेहनत की और निर्दलीय उम्मीदवार ठाकुर बलदेव सिंह जसरोटिया को जिताने में कामयाब रहे। इसके बाद 7वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता गिरधारी लाल डोगरा विजयी रहे, जबकि 8वीं एवं 9वीं लोकसभा के लिए जम्मू-पुंछ की जनता ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जनक राज गुप्ता को चुन कर संसद भेजा। 1980 में जनक राज गुप्ता ने जम्मू-कश्मीर के सदर-ए-रियासत रहे एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. कर्ण सिंह को पराजित किया। इस चुनाव में डा. सिंह जनसंघ के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार खड़े हुए थे। 11वीं लोकसभा में कांग्रेस प्रत्याशी पंडित मंगत राम शर्मा भाजपा उम्मीदवार वैद्य विष्णु दत्त को पराजित कर संसद पहुंचे। पंडित मंगत राम शर्मा बाद में राज्य के उप-मुख्यमंत्री भी रहे।


12वीं लोकसभा में पहली बार खिला भाजपा का ‘कमल’
1951 में स्थापित जनसंघ और 1980 में स्थापित भाजपा जम्मू-पुंछ संसदीय क्षेत्र में शुरू से ही संघर्ष करती आ रही थी, लेकिन इस क्षेत्र में भाजपा का कमल 12वीं लोकसभा के चुनाव में खिला, जब भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार वैद्य विष्णु दत्त कांग्रेस प्रत्याशी पंडित मंगत राम शर्मा को परास्त कर लोकसभा पहुंचे। 13वीं लोकसभा में भी वैद्य विष्णु दत्त ने ही चुनाव जीता, लेकिन उनका निधन होने पर हुए उप-चुनाव में नैशनल कांफ्रैंस के उम्मीदवार चौधरी तालिब हुसैन विजयी हुए। लोकसभा में जम्मू-पुंछ संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले चौधरी तालिब हुसैन अब तक अकेले नैशनल कांफ्रैंस नेता रहे हैं। 14वीं एवं 15वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मदन लाल शर्मा ने विजयी होकर जम्मू-पुंछ संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। इसमें विशेष बात यह रही कि वर्ष 2008 के श्री अमरनाथ भूमि आंदोलन में भाजपा के पक्ष में वोटों का ध्रुवीकरण होने के बावजूद मदन लाल शर्मा भाजपा प्रत्याशी लीलाकर्ण शर्मा को शिकस्त देने में कामयाब रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जबरदस्त लहर के बीच 2014 में 16वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा ने कांग्रेस के तत्कालीन सांसद मदन लाल शर्मा को भारी वोटों से शिकस्त दी। इन चुनावों में पी.डी.पी. उम्मीदवार यशपाल शर्मा तीसरे स्थान पर रहे थे। 

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इस बार होगा रोचक मुकाबला
भाजपा के निवर्तमान सांसद जुगल किशोर शर्मा के खिलाफ कांग्रेस एवं नैशनल कांफ्रैंस के संयुक्त प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे पूर्व मंत्री रमण भल्ला के आ जाने से जम्मू-पुंछ संसदीय क्षेत्र में इस बार का मुकाबला रोचक हो गया है। विशेष तौर पर पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर क्षेत्र से विस्थापित हुए परिवारों के नेता राजीव चुन्नी एवं पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थी परिवारों के नेता लब्बा राम गांधी की उपस्थिति ने उक्त मुकाबले में और रोमांच ला दिया है। इसके अलावा भाजपा से अलग होकर डोगरा स्वाभिमान संगठन की स्थापना करने वाले पूर्व मंत्री चौ. लाल सिंह और अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगडिय़ा के प्रतिनिधि के तौर पर सामने आए सुशील सूदन भी भाजपा की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। अब देखना होगा कि भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी जम्मू-पुंछ में दिन-प्रतिदिन बदल रहे चुनावी समीकरणों को किस प्रकार और कितना अपने पक्ष में लाने में कामयाब होते हैं। 

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