Edited By Anil dev,Updated: 15 Mar, 2019 05:28 PM
2019 लोकसभा चुनाव के मतदान को कुछ दिन ही रह गए हैं । आखिरी वक़्त में सभी राजनीतिक दल ज़्यादा से ज़्यादा दलों के साथ गठबंधन करने की कोशिश में लगे हुए हैं ताकि बहुमत का आंकड़ा दूर न रह जाए।
नई दिल्ली (मनीष शर्मा) : 2019 लोकसभा चुनाव के मतदान को कुछ दिन ही रह गए हैं । आखिरी वक़्त में सभी राजनीतिक दल ज़्यादा से ज़्यादा दलों के साथ गठबंधन करने की कोशिश में लगे हुए हैं ताकि बहुमत का आंकड़ा दूर न रह जाए। 2014 के लोक सभा चुनाव में सिर्फ 16 दलों के साथ गठबंधन करने वाली बीजेपी ने अब की बार 29 दलों के साथ गठबंधन कर लिया है लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद भी बीजेपी को पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, केरल और तेलंगाना में गठबंधन के लिए कोई साथी नहीं मिल रहा है। 2014 के आम चुनाव में बीजेपी को इन पांचो राज्यों में सिर्फ 6 सीटें ही मिलीं थी।
पश्चिम बंगाल ( 42 सीट)
2014 में बीजेपी का प्रदर्शन :
- सीट जीतीं: 2
- वोट प्रतिशत: 17.2 %
- कुल वोट मिले: 8692297
- राज्य में पोजीशन : 3rd
पश्चिम बंगाल की राजनीति में वामपंथी विचारधारा हमेशा से हावी रही है। 2018 में हुए राज्य के निकाय चुनावों में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया था और वह दूसरे नंबर पर रही थी। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह खुद बंगाल की राजनीति में ख़ास रूचि ले रहे हैं लेकिन वह चाह कर राज्य में नए साथी की तलाश कर पाने में असफल रहे हैं और तो और जो पुराने साथी थे उन्होंने भी साथ छोड़ दिया है। इस साल 19 जनवरी को बीजेपी के 10 साल पुराने साथी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने अलग गोरखालैंड राज्य की मांग न माने जाने और संसद में सरकार द्वारा लाये गए सिटीजनशिप बिल के विरोध में बीजेपी से किनारा कर लिया है।गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने अब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को समर्थन देने का फैसला किया है। आपको बता दें 2014 के चुनाव में दार्जलिंग सीट से लड़ रहे बीजेपी के उम्मीदवार एस एस अहलूवालिया ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के समर्थन से टीएमसी के उम्मीदवार मशहूर फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया को हराया था। 2014 के चुनाव में सहयोगी रही कामतापुर पीपल्ज़ पार्टी ने 2016 में ही बीजेपी का साथ छोड़ दिया था।
आंध्र प्रदेश ( 25 सीट)
2014 में बीजेपी का प्रदर्शन :
- सीट जीतीं: 3
- वोट प्रतिशत: 8. 52 %
- कुल वोट मिले: 4091908
- राज्य में पोजीशन : 4 th
पिछले साल राज्य को विशेष दर्जा की मांग पूरी न होने के कारण तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) एनडीए सरकार से बाहर हो गई थी । 2014 के आम चुनाव में टीडीपी के समर्थन के चलते ही बीजेपी को राज्य में तीन सीटें मिली । पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने हाल ही में टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू को साफ़ कर दिया है कि अगर 2019 में बीजेपी की सरकार केंद्र में फिर से बनती है तो बीजेपी तेलुगु देशम पार्टी को एनडीए में शामिल नहीं होने देगी। बीजेपी ने पार्टी महासचिव राम माधव और मुरलीधर राव को जिम्मेदारी सौंपी थी कि वे क्षेत्रीय दलों को गठबंधन के लिए राज़ी कर सके लेकिन उनको सफलता नहीं मिल पाई है। तेलुगु एक्टर पवन कल्याण जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक थे उनकी पार्टी जना सेना ने भी बीजेपी की बजाय बहुजन समाज पार्टी को गठबंधन के लिए चुना है ।
ओडिशा (21 सीट )
2014 में बीजेपी का प्रदर्शन :
- सीट जीतीं: 1
- वोट प्रतिशत: 21. 88 %
- कुल वोट मिले: 4638565
- राज्य में पोजीशन : 3 rd
ओडिशा में बीजू जनता दल (बीजेडी) के अध्यक्ष नवीन पटनायक का जादू अभी भी कायम है। एनडीए गठबंधन में शामिल जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार नवीन पटनायक के अच्छे दोस्त माने जाते हैं। दोस्ती की खातिर 2018 में राज्य सभा के उपसभापति चुनाव में जेडीयू के उम्मीदवार को बीजेडी ने अपना समर्थन दिया था। बीजेपी उम्मीद कर रही थी कि नीतीश कुमार नवीन पटनायक को एनडीए के खेमे में ला पाएंगे क्योंकि बीजेपी और बीजेडी का दुश्मन एक ही है -कांग्रेस लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। हालाँकि चुनाव रैली में दोनों पार्टी एक दूसरे पर हमला करने से बच रही हैं। नवीन पटनायक ने नोटबंदी, सर्जीकल स्ट्राइक और राफेल पर बीजेपी को समर्थन दिया है। बीजेपी उम्मीद कर रही है चुनाव के बाद शायद बीजेडी एनडीए में शामिल हो जाए !
केरल (20 सीट )
2014 में बीजेपी का प्रदर्शन :
- सीट जीतीं: 0
- वोट प्रतिशत: 10. 45 %
- कुल वोट मिले: 1856796
- राज्य में पोजीशन : 3 rd
2014 के लोकसभा चुनाव में भले ही बीजेपी राज्य में एक भी सीट जीत नहीं पाई थी लेकिन सबरीमाला विवाद के बाद बीजेपी और आरएसएस की उम्मीद जगी है कि वह केरल की कुल 20 सीटों में कम से कम चार सीट - तिरुवनंतपुरम, पथानामथिट्टा, त्रिशूर और पलक्कड़ में जीत दर्ज कर लेंगे । जीत की संख्या को और बढ़ाने लिए बीजेपी गठबंधन के लिए भारत धरम जन सेना पार्टी से बात कर रही थी लेकिन राज्य बीजेपी के अंदर मतभेद और भारत धरम जन सेना के नेता तुषार वेल्लप्पल्ली के संदेह के चलते मामला अधर में लटक गया है।
तेलंगाना (17 सीट)
2014 में बीजेपी का प्रदर्शन :
- सीट जीतीं: 1
- वोट प्रतिशत: NA
- कुल वोट मिले: NA
- राज्य में पोजीशन : NA
तेलंगाना राज्य का गठन 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद 2 जून 2014 में हुआ। बीजेपी को उम्मीद थी कि राज्य की सबसे ताक़तवर पार्टी तेलंगाना राज्य समिति (टीआरएस) से गठबंधन हो जाएगा लेकिन उन्होंने टीआरएस की राजनीति को समझने में भूल कर दी। उन्होंने टीआरएस के आगे शर्त रखी कि वह तभी एनडीए में शामिल हो सकेगी अगर वह असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआइएम) का साथ छोड़ देगी। बीजेपी ने जो सोचा था हुआ उसके उलट। टीआरएस अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव ने बीजेपी को साफ़ सन्देश दे दिया कि वह बीजेपी से गठबंधन के लिए अपने दोस्तों को नहीं छोड़ सकती। राज्य में बीजेपी की पुरानी सहयोगी टीडीपी ने पिछले साल ही बीजेपी से किनारा कर लिया था अब टीआरएस और पवन कल्याण की जना सेना पार्टी की बेरुखी ने राज्य में बीजेपी के विस्तार के सपने को धूमिल कर दिया है।