Edited By Anil dev,Updated: 07 Jan, 2019 06:20 PM
लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया है। इस आरक्षण की खास बात यह है कि यह 50 फीसदी आरक्षण की......
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया है। इस आरक्षण की खास बात यह है कि यह 50 फीसदी आरक्षण की सीमा के ऊपर होगा और इसके लिए मंगलवार को संविधान संशोधन लाया जाएगा। इस मामले पर तमाम राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। आईए जानते हैं किस नेता ने क्या कहा।
अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार के इस निर्णय पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया- 'चुनाव के पहले भाजपा सरकार संसद में संविधान संशोधन करे। हम सरकार का साथ देंगे। नहीं तो साफ़ हो जाएगा कि ये मात्र भाजपा का चुनाव के पहले का स्टंट है।'
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि सरकार का ये फैसला काफी अच्छा है, इससे समाज के एक बड़े तबके को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि सवर्णों में भी कई ऐसे लोग हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं।
केटीएस तुलसी
कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने मोदी सरकार के इस फैसले को मजाक बताया है। उन्होंने कहा कि ये लोग जनता को बेवकूफ बनाने का काम कर रहे हैं, इस बिल को ये पास भी नहीं करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई साधारण बिल पास नहीं हो पा रहा है तो फिर ये बिल कैसे पास हो पाएगा।
संजय सिंह
आप नेता संजय सिंह का कहना है कि 10% आरक्षण बढ़ाने के लिए संविधान संशोधन करना होगा सरकार विशेष सत्र बुलाये हम सरकार का साथ देंगे वरना ये फ़ैसला चुनावी जुमला मात्र साबित होगा।
हार्दिक पटेल
पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने सवाल उठाया है कि क्या ये सिर्फ एक चुनावी जुमला ही तो नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले काफी दिनों से संसद चल रही थी ऐसे में आखिरी दिनों में इस प्रकार का फैसला करना, ये सिर्फ एक सरकार का नया नाटक है।
शिवप्रताप शुक्ला
केंद्रीय मंत्री शिवप्रताप शुक्ला का कहना है कि इस तरीके का फैसला सिर्फ 56 इंच सीने वाला व्यक्ति ही ले सकता है। ये एक ऐतिहासिक फैसला है।
हरीश रावत
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि बहुत देर कर दी मेहरबां आते-आते, उन्होंने कहा कि ये फैसला चुनाव को देखते हुए किया गया है। उन्होंने कहा कि अब वो चाहे जो भी जुमला दे लें लेकिन ये सरकार बचने वाली नहीं हैं।
यशवंत सिन्हा
पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10त्न आरक्षण देने का प्रस्ताव एक जुमले से ज्यादा कुछ नहीं है। यह कानूनी पेचीदगियों से भरा हुआ है और संसद के दोनों सदनों से इसे पारित करने का कोई समय नहीं है। सरकार पूरी तरह से बेनकाब है।
उमर अबदुल्ला
वहीं नेशनल कांन्फ्रेंस के नेता उमर अबदुल्ला ने कहा है कि गरीब सवर्णों को आरक्षण का ऐलान साबित करता है कि चुनाव का बिगुल अच्छे से बजाया जा चुका है।