Edited By Anil dev,Updated: 24 May, 2018 11:21 AM
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार को घेरने के मकसद से विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं। इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया अरविंद केजरीवाल भी मोदी विरोधी खेमे में शिरकत करते दिखाई पड़े। कर्नाटक में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में एचडी...
नई दिल्ली(सूरज सिंह): 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार को घेरने के मकसद से विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं। इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया अरविंद केजरीवाल भी मोदी विरोधी खेमे में शिरकत करते दिखाई पड़े। कर्नाटक में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में एचडी कुमार स्वामी को मुख्यमंत्री बनने की बधाई देने के लिए बुधवार को केजरीवाल पहुंचे। कांग्रेस के समर्थन से से जेडीएस ने यहां पर सरकार बनाई है। समारोह के लिए केजरीवाल मंगलवार शाम ही बेंगलुरू रवाना हो गए थे। समारोह से पहले सीएम केजरीवाल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू व सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी से देश के मौजूदा हालात पर विस्तार से चर्चा की।
कांग्रेस के समर्थन से जनता दल ने बनाई कर्नाटक में सरकार
समारोह के मंच पर कांग्रेस के समर्थन से जनता दल (सेक्यूलर) ने कर्नाटक में सरकार बनाई है। समारोह के मंच पर यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रहे। इस कारण केजरीवाल को लेकर तरह-तरह की बातें भी हो रही हैं। तंज कसा जा रहा है कि दिल्ली में कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले केजरीवाल ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ मंच साझा किया। बड़ी बात तो यह है कि केजरीवाल की आप ने कर्नाटक में कांग्रेस, बीजेपी और जेडीएस के सामने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था। आप नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री ने जेडीएस की ओर से मिले निमंत्रण का सम्मान किया है। इसके सियासी चश्मे से नहीं देखना चाहिए।
कुमार और तिवारी ने कसा तंज
केजरीवाल की नई किस्म की राजनीति पर बगैर नाम लिए नाराज चल रहे च्आपज् नेता डॉ. कुमार विश्वास ने तंज कसा। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि च्कल तलक खुद को जो सूरज का पुत्र कहता था, जाके लटका है फ्यूज बल्बों की झालर में खुद! भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी चुटकी लेते हुए कहा कि जब कांग्रेस के साथ डांस करना ही होता है तो दिल्ली में अलग होने का ड्राम क्यों करते हैं।