यह लोकसभा चुनाव ‘तानाशाही बनाम लोकतंत्र’ होगा: तिवारी

Edited By Anil dev,Updated: 12 Jan, 2019 06:15 PM

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विपक्षी दलों पर देश में ‘मजबूर सरकार’ बनाने के प्रयास करने का आरोप पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने शनिवार को दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव ‘तानाशाही बनाम लोकतंत्र’ और ‘भाषण बनाम शासन’ का होगा।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विपक्षी दलों पर देश में ‘मजबूर सरकार’ बनाने के प्रयास करने का आरोप पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने शनिवार को दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव ‘तानाशाही बनाम लोकतंत्र’ और ‘भाषण बनाम शासन’ का होगा। पार्टी ने यह भी सवाल किया कि भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ‘अच्छे दिन’ और ‘नोटबंदी’ का जिक्र क्यों नहीं किया? कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘2019 की लड़ाई मजबूर सरकार बनाम मजबूत सरकार का नहीं है। 2019 की लड़ाई तानाशाही बनाम लोकतंत्र है। 2019 की लड़ाई भाषण बनाम शासन है। 2019 की लड़ाई जुमला बना काम है।’’ 

प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी दलों पर देश में ‘मजबूर सरकार’ बनाने के प्रयास करने का आरोप लगाते हुए तिवारी ने कहा कि देश की जनता को तय करना है कि 2019 के चुनाव में उन्हें सेवाभाव, ईमानदारी एवं समर्पण भाव से काम करने वाला ‘प्रधानसेवक’ चाहिए या राजशाही में विश्वास करने वाला। तिवारी ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री ने अपना भाषण इस बात से आरंभ किया कि काश सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते। वह एक चीज भूल गए या जान बूझकर भूलना चाहते हैं कि सरदार पटेल पंडित नेहरू और आजादी की जंग लडऩे वाले दूसरे नेताओं के साथी थे। वह कांग्रेस के एक बड़े कद्दावर नेता थे। भाजपा के पूर्वजों ने तो आजादी में हिस्सा नहीं लिया और अंग्रेजों से माफी मांगकर अपनी जान छुड़ाई थी।’’ 

तिवारी ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री से उम्मीद की जाती है कि वह लोगों के समक्ष इतिहास को ठीक ढंग से रखें।’’  उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के साथ समस्या यह है कि वो यह मानने लगे हैं कि भारत का पूरा इतिहास 26 मई, 2014 के बाद का है। शायद इससे बड़ा भ्रम और असत्य कुछ नहीं हो सकता।’’ तिवारी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने 55 महीने के बाद सबका साथ, सबका विकास का जिक्र किया। इतने महीनों बाद देश को यह जुमला फिर से सुनने को मिला। लेकिन उन्होंने उच्छे दिन का जिक्र नहीं किया। अगर वो अच्छे दिन का जिक्र करते तो जले पर नमक छिड़कने जैसा हो जाता है।’’   

तिवारी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री से कुछ सवाल पूछना चाहते हैं। नोटबंदी ने एक साथ पूरे भारत को प्रताडि़त किया । लेकिन यह सरकार इसे बड़ी उपलब्धि मानती है तो प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में नोटबंदी का जिक्र क्यों नहीं किया? जीएसटी पर जवाब क्यों नहीं दिया?’’  कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हर साल दो करोड़ नौकरियों का जिक्र आपके भाषण में क्यों नहीं हुआ? अगर आपकी सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील थी तो देश भर में किसान सड़क पर क्यों है?’’  उन्होंने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के एक बयान का हवाला देते हुए कहा, ‘‘देश की रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले 55 महीने में भारत में कोई बड़ा आतंकी हमला क्यों नहीं हुआ? जब आतंकी हमला हुआ ही नहीं, तो फिर र्सिजकल स्ट्राइक क्यों करनी पड़ गई? क्या उरी, गुरुदासपुर और पठानकोट के हमले बड़े आतंकी हमले नहीं थे?’’      

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