Edited By Anil dev,Updated: 08 May, 2019 11:24 AM
1966 में गीतकार जान निसार अख्तर ने सुशीला फिल्म के लिए जब यह गाना लिखा था तो उनके मन में क्या चल रहा था यह कहना मुश्किल है लेकिन उन्हीं की ये पंक्तियां 17वीं लोकसभा के लिए सटीक साबित हो सकती हैं। इस चुनाव में तमाम आरोप-प्रत्यारोपों और बदजुबानी के...
इलैक्शन डैस्क(संजीव शर्मा): 1966 में गीतकार जान निसार अख्तर ने सुशीला फिल्म के लिए जब यह गाना लिखा था तो उनके मन में क्या चल रहा था यह कहना मुश्किल है लेकिन उन्हीं की ये पंक्तियां 17वीं लोकसभा के लिए सटीक साबित हो सकती हैं। इस चुनाव में तमाम आरोप-प्रत्यारोपों और बदजुबानी के बावजूद नई लोकसभा अब तक की सबसे शिक्षित लोकसभा हो सकती है। पिछली लोकसभा के शैक्षणिक स्तर और इस बार चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता के आधार पर यह लगभग तय है। इसलिए उम्मीद की जानी चाहिए कि भाषा का जो बिगड़ा स्वरूप इन चुनावों में देखने को मिला है, लोकसभा परिणाम आने के बाद वह महज बीती बात हो जाएगा और नेता सब बिसरा कर आगे बढ़ेंगे।
सबसे ज्यादा नेता ग्रैजुएट
आंकड़ों का अध्ययन बताता है कि सांसदों में सबसे ज्यादा संख्या ग्रैजुएट्स की है। 1952 के पहले आम चुनाव में 177 ग्रैजुएट चुने गए थे। छठी लोकसभा में यह संख्या 205 हुई और 13वीं लोकसभा में 256 लेकिन लगातार बढ़ौतरी के बावजूद ग्रैजुएट अभी तिहरे शतक से दूर हैं। इसी तरह पहले चुनाव में चुनकर आए पोस्ट ग्रैजुएट्स का आंकड़ा चौथी लोकसभा में 113 हुआ और 15वीं लोकसभा में इन्होंने अपनी संख्या 256 कर ली लेकिन 2014 में जनता को पोस्ट ग्रैजुएट्स ज्यादा नहीं भाए और इनकी संख्या गिरकर 222 हो गई।
तीसरी लोकसभा में थे सबसे ज्यादा अंडर मैट्रिक
सबसे कम पढ़े-लिखे सदस्यों का रिकार्ड तीसरी लोकसभा के नाम है। तीसरी लोकसभा में सबसे ज्यादा 141 सांसद ऐसे थे जो 10वीं कक्षा तक भी नहीं पढ़े थे। 10वीं पास सदस्यों की संख्या उस लोकसभा में 87 थी जबकि 157 सदस्य स्नातक थे। तीसरी लोकसभा के 98 सदस्य स्नातकोत्तर और महज 7 डॉक्टरेट थे। दिलचस्प ढंग से पहले चुनाव में 112 अंडर मैट्रिक, 88 अंडर ग्रैजुएट, 177 ग्रैजुएट, 85 पोस्ट ग्रैजुएट और 15 डॉक्टरेट चुनकर आए थे। इसकी तुलना में 16वीं लोकसभा में महज 16 सांसद ऐसे थे जो अंडर मैट्रिक थे। निवर्तमान लोकसभा में 102 अंडर ग्रैजुएट, 222 ग्रैजुएट, 161 पोस्ट ग्रैजुएट और 41 डॉक्टरेट थे। 2014 में सबसे ज्यादा ग्रैजुएट और डॉक्टरेट चुनकर लोकसभा पहुंचे थे। हालांकि पोस्ट ग्रैजुएट के मामले में 15वीं लोकसभा आगे थी जिसमें 256 पोस्ट ग्रैजुएट थे। दिलचस्प ढंग से अकेले निवर्तमान लोकसभा में जितने डॉक्टरेट (41) थे उतने दूसरी, तीसरी, 5वीं, छठी, 7वीं और 8वीं लोकसभाओं में कुल मिलाकर भी नहीं चुने गए थे। इन लोकसभाओं में डॉक्टरेट की संख्या दहाई से कम थी।
2014 में थे आधे सांसद फर्स्ट टाइमर
2014 की संसद में 321 लोग ऐसे थे जिन्होंने पहली बार संसद का मुंह देखा। इनमें से 277 पुरुष और 44 महिलाएं थीं। 170 सांसद दोबारा चुनकर पहुंचे थे जिनमें से 151 पुरुष और 19 महिलाएं थीं। इनमें से 26 पुरुष और 4 महिलाओं को राज्यसभा का अनुभव भी था। 249 सदस्य ऐसे थे जिन्हें संसद से पहले विधानसभाओं और विधान परिषदों का अनुभव था। इनमें से 233 पुरुष और 16 महिलाएं थीं। 150 पुरुष और 32 महिलाएं (कुल 182) ऐसे सांसद थे जिन्हें पूर्व में विधानपालिका में चुने जाने का कोई अनुभव नहीं था और उन्होंने 16वीं लोकसभा से ही अपना डेब्यू किया।