Edited By Yaspal,Updated: 02 Dec, 2019 09:53 PM
लोकसभा ने सोमवार को कराधान विधि संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें घरेलू कंपनियों की कॉर्पोरेट कर की दर में कमी के माध्यम से सरकारी वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने का प्रावधान है। लोकसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए
नई दिल्लीः लोकसभा ने सोमवार को कराधान विधि संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें घरेलू कंपनियों की कॉर्पोरेट कर की दर में कमी के माध्यम से सरकारी वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने का प्रावधान है। लोकसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन आलोचलाओं को खारिज कर दिया कि नरेंद्र मोदी सरकार आलोचना नहीं सुनती है। उन्होंने कहा, ‘‘ यह सरकार और प्रधानमंत्री आलोचनाओं को सुनते हैं और सकारात्मक ढंग से जवाब देते हैं।'' अर्थव्यवस्था को दुरूस्त करने के लिये सक्रियात्मक कदम नहीं उठाने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले अंतरिम बजट और फिर पूर्ण बजट के बाद कुछ स्थिति उत्पन्न हुई, ऐसे में क्या मंत्री के रूप में इस पर प्रतिक्रिया के लिए कदम उठाने की उनकी जिम्मेदारी नहीं थी ? उन्होंने सवाल किया, ‘‘ क्या मैं अगले बजट का इंतजार करती?''
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री हों, यह सरकार हो... चाहे आलोचना हो या सुझाव, हम सभी की बातें सुनते हैं और जवाब देते हैं। निर्मला सीतारमण ने अधीर रंजन चौधरी के उस बयान पर भी पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के विरोध करने पर ही आरसीईपी पर वर्तमान सरकार ने हस्ताक्षर नहीं किया। वित्त मंत्री ने कांग्रेस नेता के दावे का जवाब देते हुए कहा कि अगर सोनिया गांधी के कहने पर सरकार ने आरसीईपी पर हस्ताक्षर नहीं किया तो फिर कांग्रेस ने 2013 में बाली समझौते पर हस्ताक्षर के समय सोनिया गांधी की सलाह क्यों नहीं ली।
सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस किसानों की सिर्फ बात करती है लेकिन बाली समझौते को अगर उसी तरह से आगे बढ़ा दिया जाता तो फिर किसानों को समर्थन मूल्य नहीं मिल पाता। पीडीएस के तहत गरीब लोगों को अनाज नहीं मिल पाता। उन्होंने जोर दिया कि मोदी सरकार की पहल के कारण ही आज किसानों को एमएसपी और पीडीएस के तहत अनाज मिलना संभव हो पा रहा है। मंत्री के जवाब के बाद अध्यादेश को निरानुमोदित करने के लिए अधीर रंजन चौधरी एवं कुछ अन्य सदस्यों द्वारा पेश सांविधिक संकल्प एवं विपक्षी सदस्यों के कुछ संशोधनों को अस्वीकृत करते हुए सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी।