दिल्ली: अन्ना हजारे के अनशन का आज दूसरा दिन, रखी ये 7 प्रमुख मांगें

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Mar, 2018 11:06 AM

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लोकपाल विधेयक को पास कराने संबंधी 6 अन्य मांगों सहित समाजसेवी अन्ना हजारे शुक्रवार से फिर रामलीला मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए हैं। अन्ना ने मंच से तिरंगा भी लहराया। इसके बाद अन्ना हजारे के अनशन का आज दूसरा दिन है।

नई दिल्ली: लोकपाल विधेयक को पास कराने संबंधी 6 अन्य मांगों सहित समाजसेवी अन्ना हजारे शुक्रवार से फिर रामलीला मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए हैं। अन्ना ने मंच से तिरंगा भी लहराया। इसके बाद अन्ना हजारे के अनशन का आज दूसरा दिन है।  

अन्ना ने लिखा सरकार को 42 बार पत्र 
शुक्रवार को अन्ना हजारे ने कहा था कि लोकतंत्र नहीं आया, अंग्रेज तो चले गए, सिर्फ गोरे गए और काले आ गए। जब तक किसानों को हक नहीं मिलता, तब तक लड़ना है। हड़ताल से पहले हजारे ने कहा कि उन्होंने सरकार को 42 बार पत्र लिखा, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। अंत में विवश होकर अनशन पर बैठना पड़ रहा है। इस बार आश्वासन पर आंदोलन खत्म नहीं होगा। जब तक मांग पूरी नहीं होगी, वे हटेंगे नहीं।अन्ना ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को दिल्ली लेकर आ रही ट्रेन को केंद्र सरकार ने रद्द करा दिया है। इससे आंदोलनकारी हिंसा की ओर अग्रसर हो सकते हैं। मेरे लिए भी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। कई पत्र लिखे और कहा था कि मुझे सुरक्षा नहीं चाहिए। केंद्र की सुरक्षा उन्हें नहीं बचा सकती। सरकार का धूर्त रवैया ठीक नहीं है।

राजघाट पर बापू को किया नमन
आंदोलन की शुरुआत से पहले अन्ना हजारे अपने समर्थकों के साथ राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर पहुंचे। यहां उन्होंने बापू को याद किया। प्रार्थना के बाद अन्ना शहीदी पार्क पहुंचे। यहां पर शहीदों को याद करने के बाद अन्ना रामलीला मैदान पहुंचे, जहां भूख हड़ताल शुरू कर दी। आंदोलन में अन्ना का साथ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एवं कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त एन. संतोष हेगड़े भी पहुंचे। इस बार आंदोलन में नए साथी अन्ना के संरक्षक दत्त अवारी, पंकज काल्की व सुनील लाल का नाम  मुख्य रूप से शामिल हैं।

सियासी दलों को मंच पर जगह नहीं
अन्ना के आंदोलन में इस बार किसी राजनीतिक दल के नेता को मंच नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही टीम का प्रत्येक सदस्य एक शपथ पत्र अन्ना को दे चुका है कि भविष्य में किसी राजनीतिक गतिविधि में भाग नहीं लेगा। अन्ना के सहयोगियों का कहना है कि अब आंदोलन के सहारे कोई अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, किरन बेदी व जनरल वीके सिंह पैदा नहीं होगा। अन्ना कह चुके हैं कि इस बार आंदोलन में 2011 के आंदोलन का कोई सदस्य नहीं है। नए साथियों की टीम बनी है। सभी ने शपथ पत्र दिया है। इसके बाद ही आंदोलन के साथ काम करने की ड्यूटी दी गई है। अन्ना ने देशभर में घूम-घूमकर 600 कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की है। इनमें 20 सदस्यों की एक कोर टीम भी बनाई गई है।

पहले की तरह नहीं जुटी भीड़
रामलीला मैदान में शुरू हुए अन्ना के आंदोलन में पिछली बार के मुकाबले ज्यादा भीड़ नहीं जुटी। अन्ना की समन्वय समिति के सदस्य जयकांत मिश्रा ने बताया कि शुक्रवार को कामकाज का दिन है।  इस वजह से काफी लोग नहीं आए हैं। शनिवार और रविवार को भारी संख्या में लोग जुट रहे हैं। देश के कई हिस्सों से अन्ना के समर्थक रामलीला मैदन को कूच कर गए हैं। एक-दो दिन में इसका असर देखने को मिलेगा। शुक्रवार को दिल्ली आने वाली अन्ना समर्थकों की ट्रेनें रद्द कर दी गईं। अब जनता अपने साधन या बसों के माध्यम से दिल्ली पहुंच रहे हैं।

7 प्रमुख मांगें
- किसानों के कृषि उपज की लागत के आधार पर डेढ़ गुना ज्यादा दाम मिले
- खेती पर निर्भर 60 साल से ऊपर उम्र वाले किसानों को प्रतिमाह 5 हजार रुपए पेंशन
- लोकपाल कानून को कमजोर करने वाली धारा 44 और धारा 63 का संशोधन तुरंत रद्द हो
- हर राज्य में सक्षम लोकायुक्त नियुक्त किया जाए
- चुनाव सुधार के लिए सही निर्णय लिया जाए
- कृषि मूल्य आयोग को संवैधानिक दर्जा तथा सम्पूर्ण स्वायत्तता मिले
- लोकपाल विधेयक पारित हो और लोकपाल कानून तुरंत लागू किया जाए

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