Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Jun, 2019 03:58 PM
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले मामले में आरोपी और भगोड़े नीरव मोदी को लंदन की अदालत से झटका लगा है। अदालत ने नीरव को जमानत देने से इनकार कर दिया है। इसके अलावा जज ने नीरव को लेकर कड़ी टिप्पणी करते हुए ये शक जताया है कि अगर बेल मिली तो सबूतों से...
लंदनः पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले मामले में आरोपी और भगोड़े नीरव मोदी को लंदन की अदालत से ने चौथी बार झटका लगा है। अदालत ने नीरव को जमानत देने से इनकार कर दिया है। ऐसे में उसे अभी लंदन की जेल में दिन गुजरने होंगे। इसके अलावा जज ने नीरव को लेकर कड़ी टिप्पणी करते हुए ये शक जताया है कि अगर बेल मिली तो सबूतों से छेड़छाड़ हो सकती है। सुनवाई के दौरान जज की तरफ से नीरव मोदी के वकील को फटकार भी लगाई गई है। जज ने कहा है कि वह इस बात पर यकीन नहीं कर सकते कि बेल मिलने पर किसी सबूत को नष्ट नहीं किया जाएगा। सुनवाई के दौरान जज ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि भविष्य में क्या होगा, कौन जानता है।
जज ने कहा कि याचिकाकर्ता पर कई देशों में धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं, ऐसे में जमानत देना ठीक नहीं होगा। बता दें कि ये चौथी बार है जब नीरव मोदी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया है। इससे पहले लंदन की ही एक अदालत ने नीरव मोदी को 26 जून तक जेल (न्यायिक हिरासत) में रहने का फैसला सुनाया था। 48 साल का कारोबारी नीरव मोदी हिंदुस्तान में 13,000 करोड़ रुपए के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में वॉन्टेड है।
उसे 19 मार्च को होलबोर्न से गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद से ही वह प्रत्यर्पण कार्यवाही के खिलाफ लड़ रहा है। नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) 13,000 करोड़ रुपए की बैंक धोखाधड़ी मामले के संबंध में जांच कर रही हैं।
तीन बार खारिज हो चुकी है याचिका
वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की कोर्ट नीरव मोदी की जमानत की अर्जी तीन बार खारिज कर चुकी है, क्योंकि उसको लगा है कि नीरव मोदी ब्रिटेन से भाग सकता है। नीरव मोदी की वकील क्लेयर मोंटगोमरी ने उच्च न्यायालय में कहा, "हकीकत यह है कि नीरव मोदी विकिलीक्स के सह-संस्थापक जूलियन असांजे नहीं हैं, जिसने इक्वाडोर के दूतावास में शरण ली है, बल्कि सिर्फ एक साधारण भारतीय जौहरी हैं।"
नीरव मोदी के वकील ने आगे कहा, 'हकीकत यह है कि नीरव मोदी कोई दुर्दांत अपराधी नहीं है जैसा कि भारत सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है. वह एक जौहरी हैं और उन्हें ईमानदार और विश्वसनीय माना जाता है।'