सैल्फी का जुनून न पड़ जाए भारी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Dec, 2017 12:22 PM

london obsessive selfie taking may be a real disorder called selfitis

अगर आप भी सैल्फी के दीवाने हैं और कहीं भी जाएं इसे सोशल साइट्स पर अपने दोस्तों के लिए साझा करते हैं तो सावधान हो जाएं। भारत में किए गए एक अध्ययन में सामने आया है कि सैल्फी का जुनून वास्तव में एक विकार हो सकता है...

लंदनः अगर आप भी सैल्फी के दीवाने हैं और कहीं भी जाएं इसे सोशल साइट्स पर अपने दोस्तों के लिए साझा करते हैं तो सावधान हो जाएं। भारत में किए गए एक अध्ययन में सामने आया है कि सैल्फी का जुनून वास्तव में एक विकार हो सकता है। इससे निकलने के लिए ईलाज कराने तक की नौबत आ सकती है। जितना हो सके इस आदत मे फंसने से बचें।

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ब्रिटेन की नाटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी और तमिलनाडु के थिगाराज स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (टीएसएम) के शोधकर्ताओं ने वर्ष 2014 में उस खबर के बाद एक अध्ययन किया, जिसमें कहा गया था कि अमरीकी मनोरोग एसोसिएशन ने सेल्फी को मानसिक विकार में वर्गीकृत किया है। करीब तीन साल के अध्ययन के बाद अब न केवल उन्होंने इस बात की पुष्टि कर दी है, बल्कि एक सेल्फी बिहेवियर स्केल भी विकसित कर लिया है, जिसके इस्तेमाल से इसके विकार बनने का पता लगाया जा सकता है।
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शोधकर्ताओं ने 200 लोगों के फोकस ग्रुप, 400 लोगों का सर्वेक्षण कर ये स्केल विकसित किया है। ये सभी लोग भारतीय थे। शोधकर्ताओं के मुताबिक, इसके लिए भारतीयों का चुनाव इसलिए किया गया क्योंकि हमारे देश में फेसबुक के सबसे ज्यादा यूजर्स हैं। इसके अलावा सेल्फी के कारण सबसे ज्यादा मौतें भी हमारे देश में हुई हैं। शोधकर्ताओं का कहना है हमें पता भी नहीं चलता और सेल्फी धीरे-धीरे एक विकार बन जाती है। हम मूड ठीक करने, यादें संजोने और कई बार बिना मतलब के यूं ही सेल्फी लेने लगते हैं। जब से आदत हमारे लिए एक नशा बन जाती है तो इससे निकलने के लिए इलाज की जरूरत पड़ जाती है।united-kingdom-people-think-

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