US Election: प्रेसिडेंशियल डिबेट में ट्रंप ने प्रदूषण को लेकर उड़ाई भारत की धज्जियां (video)

Edited By Tanuja,Updated: 24 Oct, 2020 11:10 AM

look at india it s filthy trump shifts blame on climate change

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर माहौल गर्माया हुआ है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन के बीच हुई आखिरी बहस ...

लॉस एंजलिसः अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर माहौल गर्माया हुआ है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन के बीच हुई आखिरी बहस सोशल मीडिया व खबरों में छाई हुई है। इस बहस में ट्रंप ने प्रदूषण को लेकर भारत-रूस सहित चीन की जमकर धज्जियां उड़ाईं। इस बहस को छह करोड़ 30़ लाख लोगों ने देखा। जानकारी के मुताबिक तकरीबन छह करोड़ 30 लाख लोगों ने गुरुवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव के लिए आखिरी बहस को देखा। पहले बहस के मुकाबले हालांकि इसमें गिरावट दर्ज की गई। गत 29 सितंबर को हुई पहली बहस को सात करोड़ 31 लाख लोगों ने देखा था।

 

इससे पहले 19 अक्टूबर 2016 को ट्रंप और तत्कालीन ड्रेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के बीच हुई आखिरी बहस को 7 करोड़ 15 लाख लोगों ने देखा था। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले आखिरी प्रेसिडेंशियल डिबेट में ट्रंप ने भारत और रूस पर अपनी भड़ास निकाली। ट्रंप ने दावा किया कि भारत, चीन और रूस में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब है। ये देश अपनी हवा का ध्यान नहीं रखते हैं, जबकि अमेरिका हमेशा एयर क्वालिटी का ध्यान रखता है । डोनालेड ने पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका के हटने की बात दोहराते हुए कहा कि इसने इसे "गैर-प्रतिस्पर्धी राष्ट्र" बना दिया था । उन्होंने चुनावों में अपने प्रतिद्वंदी और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन के साथ एक बहस के दौरान कहा, "चीन को देखो, वहां कितनी गंदी हवा है, रूस को देखो, भारत को देखो, यहां हवा गंदी है।

 

मैं पेरिस समझौते से बाहर इसलिए चला गया क्योंकि हमें खरबों डॉलर निकालने थे. हमारे साथ बहुत गलत व्यवहार किया गया था।" ट्रंप ने कहा, "पेरिस समझौते की वजह से मैं लाखों नौकरियों और हजारों कंपनियों का बलिदान नहीं करूंगा ... बहुत अनुचित है।" इससे पहले दोनों नेताओं ने कोरोना संक्रमण के कारण एक-दूसरे से हाथ नहीं मिलाया। अमूमन प्रेसिडेंशियल डिबेट शुरू होने से पहले दोनों उम्मीदवार गर्मजोशी से हाथ मिलाते रहे हैं।

 

बता दें कि पिछले साल, अमेरिका ने औपचारिक रूप से पेरिस जलवायु समझौते से अपने हाथ खींच लिए थे और संयुक्त राष्ट्र को इसकी सूचना दी थी। जलवायु परिवर्तन की दिशा में पेरिस समझौता एक वैश्विक समझौता था जिसे लागू कराने में ट्रम्प के पूर्ववर्ती राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अहम रोल निभाया था। पेरिस जलवायु समझौते का उद्देश्य वैश्विक तापमान को अच्छे प्रयासों से 2 डिग्री सेल्सियस तक कम करना था।

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